15 दिन, 150 घंटे की पूछताछ के बाद संदीप घोष गिरफ्तार, कितनी हो सकती है सजा?
Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता कांड में CBI ने सोमवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी ने करीब 15 दिन में 150 घंटे की पूछताछ के बाद भ्रष्टाचार के मामले में उनको गिरफ्तार किया है.उनके साथ ही इस मामले में बिप्लव सिंह, सुमन हाजरा और अफसर अली खान को भी गिरफ्तार किया है. आइये जानें उस पर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और उन्हें कितनी सजा हो सकती है.
Kolkata Doctor Rape Murder Case: CBI ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को 15 दिनों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के एक मामले में की गई है. सोमवार को संदीप घोष को कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय में ले जाया गया है. सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है. एंटी करप्शन यूनिट ने आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया है. आइये जानें उनपर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और सजा क्या हो सकती है?
19 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के अंतर्गत केस दर्ज किया था. उसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद 24 अगस्त को सीबीआई मामला हाथ में लिया. उसके बाद कड़ी पूछताछ चली जिसके बाज CBI ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आइये जानें धाराएं और उसपर होने वाली सजा. दोषी साबित होने पर घोष को कितनी सजा मिलेगी?
आईपीसी की धारा 120बी
ये धार अपराध को अंजाम देने के लिए किसी और के साथ मिलकर साजिश रचने के लिए लगाई जाती है. हालांकि, इसमें ये जरूरी नहीं है कि आरोपी ने खुद अपराध किया हो. वो साजिश का हिस्सा भी हो सकता है. इसमें दोषी पाए जाने पर उम्रकैद या 2 साल या उससे अधिक का कठोर कारावास हो सकता है.
आईपीसी की धारा 420
ये धारा छल, धोखा, बेईमानी से संपत्ति अर्जित करने पर लगाई जाती है. हालांकि, एक जुलाई से लागू हुए भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस के तहत 420 की जगह धारा 318 का का उपयोग किया जाता है. इसमें सात साल से अधिक की सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं.
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7
सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अपने पदीय कार्य के संबंध में वैध पारिश्रमिक से अलग धन कमाते हैं तो उनके खिलाफ इस धारा का उपयोग किया जाता है. इसमें दोषी पाए जाने पर 6 महीने से लेकर अधिकतम 5 साल करावास की कैद हो सकती है. इसके साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
150 घंटे तक पूछताछ
संदीप घोष से सीबीआई 150 घंटे से अधिक पूछताछ कर चुकी है. वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए तीन टीमें बनाई गई थी. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कई वित्तीय अनियमितताओं की बात कही थी. इसमें छात्रों का जानकर फेल करने और उसके बाद उनसे पैसे लेेने तक की बात शामिल थी.