लेटर VS लेटर: कोलकाता कांड में केंद्र ने ममता सरकार को घेरा, आंकड़ों के साथ दी ये सलाह

Kolkata Doctor Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले में अभी भी माहौल गरम है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को इसके संबंध में दो पत्र लिखे. दूसरे पत्र में उन्होंने PM मोदी से सीधा सवाल किया की आपकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है. अब इस पर केंद्र ने रिएक्ट किया है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने उन्हें वापस पत्र लिखकर कई आंकड़े दिए हैं और उल्टे उन्हीं पर सवाल किए हैं.

JBT Desk
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Kolkata Doctor Rape Murder Case: कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के विरोध में देश में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. मामले की जांच CBI कर रही है. इस बीच वारदात पर सियासत भी हो रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर केंद्र सरकार को लगातार एक के बाद एक पत्र लिखे और इसमें कई मांगे रखी. जवाब न मिलने पर उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब की मांग की. इसके बाद अब केंद्र सरकार ने उनके पत्र का जवाब देते हुए कई आरोप लगाए हैं. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बंगाल सरकार को पत्र लिखा है. इसमें महिला अपराध के मामलों के आंकड़े बताते हुए ममता सरकार पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है.

कोलकाता कांड को लेकर ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरा पत्र लिखकर सख्त सजा की मांग की थी. इसके कुछ ही घंटों बाद, केंद्र ने यह स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों से निपटने के लिए मौजूदा कानून पहले से ही पर्याप्त सख्त हैं.

केंद्र ने दिया जवाब

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को लिखे दूसरे पत्र में पश्चिम बंगाल सरकार से मौजूदा कानूनों को लागू करने का आग्रह किया. इसके साथ ही उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री के पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है. उन्होंने कहा कि ये राज्य में फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों (FTSCs) की शुरुआत में देरी को छिपाने जैसा लग रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य मेें दुष्कर्म और पोक्सो मामलों से निपटने के लिए 11 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक कोर्ट को चालू नहीं किया है.

48,600 मामले लंबित

अन्नपूर्णा देवी ने अपने पत्र में लिखा कि पश्चिम बंगाल में 48,600 दुष्कर्म और पोक्सो मामले लंबित हैं. इसके बाद भी राज्य  सरकार ने 11 अतिरिक्त FTSCs को चालू नहीं किया है. इस संबंध में आपके पत्र में दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है. स्थायी न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की आवश्यकता पर उन्होंने बताया कि केंद्र के दिशा-निर्देश स्पष्ट रूप से दुष्कर्म और पोक्सो अधिनियम के मामलों के निपटान के लिए एक न्यायिक अधिकारी और सात कर्मचारियों का प्रावधान करते हैं.

मौजूदा कानून पर्याप्त सख्त हैं

देवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून व्यापक और पर्याप्त सख्त हैं. इनके जरिए महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों से निपटा जा सकता है. यदि राज्य सरकार केंद्रीय कानूनों का पूरी तरह से पालन करती है. ऐसे मामलो में कमी आएगी. मैं एक बार फिर आपसे अनुरोध करती हूं कि मामलों को संभालने के लिए उचित संवेदनशीलता और सकारात्मक दृष्टिकोण सुनिश्चित करें.

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31 August 2024, 06:52 AM IST

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