जनता का गुस्सा, विपक्ष का प्रहार, अब ED की एंट्री...आखिर कैसे विवादों में घिर गईं ममता दीदी?
कोलकाता रेप केस को लेकर मंगलवार को बीजेपी ने मंगलवार को कोलकाता में 'नबान्न अभिजन' मार्च किया. इस प्रदर्शन में काफी हंगामा देखने को मिला. इस मामले को लेकर बीजेपी और टीएमसी में शह मात का खेल रहा है. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी ममता दीदी के खिलाफ बड़ा हथियार बनाने की कोशिश में लगी है तो वहीं ममता दीदी किसी तरह इस मुश्किल से खुद को निकालने की कोशिश में लगी है.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इन दिनों काफी मुश्किलों का सामना कर रही हैं. कोलकाता रेप मर्डर को लेकर जहां देश का गुस्सा देखने को मिल रहा है वहीं बीजेपी लगातार उनको निशाना बना रही है. ममता दीदी पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा रहे और भ्रष्टाचार के भी आरोप लग रहे हैं. इन सब मामलों में सीएम ममता बनर्जी पूरी तरह से घिरी हुई हैं. इस बीच अब मामले में सीबीआई की एंट्री के बाद ईडी की एंट्री हो गई है. केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर भले ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष हैं, लेकिन इन सब के पीछे सीएम का हाथ भी माना जा रहा है.
दरअसल. कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बालात्कार और हत्या के मामले में अब राजीनीतिक मुठभेड़ देखने को मिल रहा है. इस मामले में सबसे ज्यादा सवाल कोलकाता पुलिस पर उठ रही है. भले ही पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन कहा जा रहा है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हैं लेकिन पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है.
आखिर कैसे विवादों में घिर गईं ममता दीदी? समझें
ट्रेनी डॉक्टर के रेप मर्डर केस की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में सीबीआई आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल से लगातार कई घंटे सवाल जवाब किया. इसके अलावा पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ट व फोरेंसिक विभाग के प्रमुख देवाशीष से भी लंबी पूछताछ की गई है. हाल ही में इस मामले में सीबीआई ने 15 से अधिक ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी और पूर्व प्रिंसिपल पर मुकदमा भी दर्ज किया था. आरोपी और अन्य का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कर चुकी है. अब तक जांच में जो सामने आया है, उसके हिसाब से घोष टेंडरों में पक्षपात करते थे, मेडिकल कचरे की अवैध बिक्री होती थी और रुपये लेकर पास करने का एक नेक्सस भी चलता था. माना जा रहा है कि इस मामले में सीबीआई के हाथ में कुछ ऐसे सबूत लगे हैं जो डॉ. संदीप घोष समेत कई के लिए मुश्किल बन सकते हैं.
विपक्ष का हमला- आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी निशाना बना रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार लगातार ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. 28 अगस्त को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल महिला आयोग पर ताला लगाने की बात कही थी वहीं अब नवन्ना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद बंगाल बंद का आह्वान किया गया है. भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन से बंगाल की की जनता लगातार जुड़ते जा रहे हैं.
जनता का गुस्सा - ट्रेनी डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए मंगलवार को बीजेपी के नेतृत्व में हावड़ा ब्रिज में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. इस अभियान को नबन्ना अभियान का नाम दिया गया. बता दें कि नवन्ना राज्य सचिवालय की इमारत का नाम है. विरोध प्रदर्शन को उग्र होता देख कोलकाता पुलिस ने आंदोलनकारियों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. हालांकि प्रदर्शनकारियों में इतना आक्रोश था कि वो पीछे नहीं हटे. पुलिस पर भी पथराव किया गया. हालांकि बंगाल सरकार ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी. प्रदर्शनकारी ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग भी कर रही है.
ED की एंट्री से ममता दीदी की बढ़ सकती है मुसीबत
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है जिसमें अब ईडी की एंट्री हो गई है. ऐसे में ममता दीदी के मन में डर होना लाजमी है. बंगाल में ऐसा मामला पहली बार देखा गया है जिसको लेकर सभी दल के नेता एक स्वर में विरोध कर रहे हैं.यह मामला दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहा है जिसको लेकर ममता ज्यादा आशंकित हैं. वइन सबको लेकर ममता सरकार की साख पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. मंगलवार को नवन्ना अभियान में शामिल लोगों पर लाठीचार्ज के बाद सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा और भड़क गया है.