Lal krishna advani: भाजपा के सीनियर लीडर और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भारत सरकार ने सम्मानित करने का ऐलान किया गया है. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स पर दी है. साथ ही उन्होंने आडवाणी को इसके लिए बधाई भी दी है. एक समय ऐसा था जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था.
बात उन दिनों की है जब 2005 में बीजेपी के दूसरे नंबर के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान गए थे. इस यात्रा के दौरान आडवाणी पाकिस्तान को बनाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की मजार पर गए थे. वहां पर आडवाणी बहुत भावुक हो गए थे, इस दौरान उन्होंने जिन्ना को 'सेक्युलर' बता दिया था. जिन्ना को धर्म के आधार पर भारत का बंटवारा करवाने वाला माना जाता है. ऐसे में आडवाणी का जिन्ना को 'सेक्युलर' कहना बीजेपी और संघ को पसंद नहीं आया था.
ये भी पढ़ें...लाल कृष्ण आडवाणी को मिलेगा भारत रत्न, पीएम मोदी ने किया ऐलान
लालकृष्ण आडवाणी के इस बयान को लेकर बीजेपी और संघ में हड़कंप मच गया था. जब आडवाणी पाकिस्तान से वापस आए तो एयरपोर्ट से ही उनका विरोध शुरू हो गया. हर तरफ पार्टी और संघ पर सवाल उठने लगे थे ऐसे में पार्टी और संघ दोनों ने ही आडवाणी के इस बयान से खुद ही दूरी बना ली.
ये भी पढ़ें...भारत रत्न पुरस्कार किस तरह के काम के लिए मिलता है? इसके लिए नाम कौन तय करता है
इस विवाद के बाद संघ ने जैसे फैसला कर लिया हो कि वो इनको पद से हटाकर मानेंगे. इसके बाद पार्टी के संसदीय दल की एक बैठक बुलाई गई, जिसमें लालकृष्ण आडवाणी से इस्तीफे की मांग की गई. वहीं, जब आडवाणी ने देखा कि सब लोग उनके खिलाफ हैं तो उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया. इस दौरान संघ ने उनको कुछ महीने की इजाजत दी, लेकिन दिसंबर 2005 में आडवाणी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
लालकृष्ण आडवाणी ने जब अपने पद से इस्तीफा दिया तब उन्होंने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग को संबोधित किया था. इस दौरान आडवाणी ने संघ को लेकर कहा था कि 'अब वक्त आ गया है कि बीजेपी को संघ के साथ अपने रिश्ते को लेकर फरि से विचार करने की जरूरत है. इस बात को आडवाणी की संघ को खुली चुनौती माना गया था.
पाकिस्तान को बनाने वाले हम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तानी कायद-ए-आजम कहकर बुलाते हैं, जबकि भारत का हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे का जिम्मेदार जिन्ना को ही मानता है. भारत का मानना है कि जिन्ना की जिद की वजह से ही देश का बंटवारा हुआ. इस दौरान बहुत से लोगों ने अपनी जान गवाई, इस सब का जिम्मेदार जिन्ना को ही माना जाता है. यही वजह थी कि आडवाणी जी जैसे नेता का जिन्ना की तारीफ करना पार्टी और संघ को पसंद नहीं आया. First Updated : Saturday, 03 February 2024