Land For Job Case: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, RJD नेता लालू प्रसाद यादव और उनका परिवार फिर से संकट में आ गया है. लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 'लैंड फॉर जॉब' घोटाले में सीबीआई की फाइनल चार्जशीट के बाद गृह मंत्रालय ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. इसकी जानकारी CBI ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दी है. इससे पहले उन्हें और उनके परिवार को कोर्ट ने समन जारी किया था. अब सवाल ये उठ रहा है कि लालू यादव एंड संस क्या करेंगे.
इससे पहले 18 सितंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, और अन्य कई आरोपियों को समन जारी किया था. उन्हें 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. यह पहली बार है कि तेज प्रताप यादव को इस मामले में समन किया गया है.
कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को समन किया है. जो एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे. इसके साथ ही इस मामले में तेजप्रताप यादव को समन भेजा गया है. ऐसा पहली बार है जब उन्हें इस मामले में समन किया गया है. कोर्ट ने लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह, किरण देवी समेत अन्य आरोपियों को 7 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है.
यह मामला रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने से संबंधित है, जब लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान लालू यादव ने लोगों को रेलवे में नौकरी देने के लिए उनसे बाजार भाव से बहुत कम कीमत पर जमीन खरीदी थी, जिसे बाद में उनके परिवार या रिश्तेदारों के नाम पर कर दिया गया.
सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रेल मंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने नियमों को ताक पर रख भर्तियां कराई थी. नौकरी पाने के लिए लोगों ने अपनी जमीन को माटी के मोल बेच दिया था. इसका फायदा लालू यादव के परिवार को हुआ है. उन्हें बेहद कम दामों में जमीन खरीदी थी. ये जमीनें उनके परिवार के बेहद करीबी लोगों के नाम पर ली गई थी.