UPSC Lateral Entry: देश में लेटरल एंट्री को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच चल रही खींचता पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन रद्द करने के लिए संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) को एक पत्र लिखा है. ये लेटर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने PM मोदी के निर्देश पर लिखा है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने इसपर व्यापक पुनर्मूल्यांकन का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि सामाजिक न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता होनी चाहिए. इन पदों की समीक्षा किए जाने की जरूरत है. ऐसे में 17 अगस्त को जारी विज्ञापन को रद्द कर दें.
बता दें, 17 अगस्त को UPSC ने एक विज्ञापन जारी किया था. इसमें 45 उच्च स्तर के 45 पदों की भरने के लिए आवेदन मंगाए गए थे. ये पद सीधे लेटरल एंट्री से भरे जानें थे. इस कारण कांग्रेस समेत कई कई NDA के दलों ने भी इसका विरोध किया था. कांग्रेस ने इसे ST-SC और OBC के आरक्षण के खिलाफ बताया था. इस बीच अब लेटरल एंट्री विज्ञापन के रद्द होने के बाद पक्ष और विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया आई है.
इस बीच लेटरल एंट्री विज्ञापन के रद्द होने पर भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए में सहयोगी दल के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब से यह मुद्दा मेरे संज्ञान में आया है, मैंने इसे संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया है.
मैंने इस मुद्दे पर एससी-एसटी और पिछड़े लोगों की चिंताओं को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा है. मैं प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय के संपर्क में हूं. उन्होंने मेरे साथ गहन चर्चा की और मैंने उनके कार्यालय को संबंधित दस्तावेज सौंपे हैं. सरकार को अपनी सभी नियुक्तियों में आरक्षण के नियमों का पालन करना चाहिए
लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द किए जाने के पीछे की वजह पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक न्याय के प्रति हमेशा अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. UPSC में लेटरल एंट्री का जो पारदर्शी निर्णय लिया था उसमें आरक्षण का सिद्धांत लगे ऐसा निर्णय लिया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को एक बार पुनः बेहद महत्वपूर्ण फैसले से प्रतिस्थापित किया है. यूपीएससी ने लैटरल एंट्री के लिए एक बेहद ट्रांसपेरेंट मेथड अपनाया था. उसमें भी अब रिजर्वेशन का प्रिंसिपल लगे हमने ऐसा निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक न्याय के प्रति हमेशा अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है.
इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्ष के दूसरे नेताओं ने लेटरल एंट्री स्कीम का विरोध किया था. ये उसी विरोध का नतीजा है कि अब सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है। केंद्र सरकार, अगर सामाजिक न्याय के दायरे को तोड़कर कोई नियुक्ति करती है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.
इस बीच लैटरल एंट्री का विज्ञापन सरकार द्वारा रद्द किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार ने दबाव और मज़बूरी में लैटरल एंट्री का विज्ञापन वापस लिया है. पार्टी ने आगे कहा कि आरक्षण खत्म करने की BJP की चोरी पकड़ी गई तो अब कह रहे हैं कि इनके साथ न्याय होना चाहिए.
सरकार पहले ही 63 लोगों को लैटरल एंट्री दे चुकी है, क्या उनकी नियुक्ति रद्द की जाएगी? सरकार ने लैटरल एंट्री के लिए दिया गया विज्ञापन दबाव और मज़बूरी में वापस लिया है.
First Updated : Tuesday, 20 August 2024