बाबा साहेब जयंती पर बोले PM मोदी- हमारे संविधान के निर्माण में बाबा साहेब की मुख्य भूमिका रही है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में पुलिस अधिकारियों के लिए "असम कॉप" मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन लॉन्च कर बोले पीएम मोदी 'ये एक ऐसी हाई कोर्ट है जिसके क्षेत्राधिकार का दायरा सबसे बड़ा है। असम के साथ-साथ आप अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड यानी 3 और राज्यों की भी सेवा की जिम्मेदारी निभाते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जयंती समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में पुलिस अधिकारियों के लिए "असम कॉप" मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन लॉन्च किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए बोले कि गुवाहाटी हाईकोर्ट की 75 वर्ष की यह यात्रा एक ऐसे समय में पूरी हुई है, जब देश ने भी अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। यह हमारे लिए अब तक के अनुभवों के सहेजने का भी समय है, नए लक्ष्यों के लिए जवाबदेही और जरूरी बदलावों का भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'आज डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती है। हमारे संविधान के निर्माण में बाबा साहेब की मुख्य भूमिका रही है। संविधान में समाए, समानता और समरसता के मूल्य ही आधुनिक भारत की नींव है। मैं इस पुण्य अवसर पर बाबा साहेब के चरणों में भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज 21वीं सदी में हर भारतवासी के सपने और उसकी आकांक्षाएं असीम हैं। इनकी पूर्ति में, लोकतंत्र के एक स्तम्भ के तौर पर हमारी सशक्त और संवेदनशील judiciary की भूमिका भी उतनी ही अहम है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'हमने लगभग 2,000 केंद्रीय कानूनों को समाप्त कर दिया है। 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को भी समाप्त कर दिया गया है। हमने व्यवसाय करने के दौरान की गई कई छोटी-छोटी गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। इस सोच और दृष्टिकोण ने अदालतों में मुकदमों की संख्या कम कर दी है।'
पीएम मोदी ने कहा कि 'हमारी न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने की बहुत गुंजाइश है और सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। इसी को आगे बढ़ाने के लिए इस साल के बजट में ई-कोर्ट मिशन फेज 3 की घोषणा की गई है। 'ईज ऑफ जस्टिस' का एक अहम हिस्सा यह है कि लोगों को कानून की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए हमने नई प्रक्रिया शुरू की है। हम नए कानून का सरल संस्करण तैयार करने पर जोर दे रहे हैं। यह आम आदमी की समझ में आना चाहिए।