LG vs AAP Govt: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच लंबे समय से जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जब से आप सरकार सत्ता में आई है तब से कई मुद्दों पर उपराज्यपाल और सरकार के बीच टकराव होता रहा है. अब एक और मुद्दा सामने आया है. रविवार शाम को दिल्ली हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का शपथ समारोह होना है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस समारोह में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को न्योता नहीं दिया गया है. इससे अब एक बार फिर से विवाद गहरा रहा है.
आम आदमी पार्टी ने इस कदम पर कड़ा ऐतराज जताया है. पार्टी ने इसे उपराज्यपाल द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताया है. हर बार की तरह इस बार सभी मंत्रियों को बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन सिर्फ अरविंद केजरीवाल को ही बुलाया गया है. आइये जानें इससे पहले दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच कब-कब घमासान हुआ है.
इससे पहले दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के चुनाव को लेकर भी दोनों पक्षों में तीखा विवाद हुआ था. नगर निगम की मेयर शेली ओबेरॉय ने निगम की कार्यवाही स्थगित कर दी थी लेकिन उपराज्यपाल ने चुनाव करवाने का आदेश दे दिया. आप पार्टी ने इस आदेश का विरोध करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया था.
जब मुख्यमंत्री केजरीवाल जेल में थे उस समय स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने को लेकर भी उपराज्यपाल और आप सरकार के बीच खींचतान हुई थी. तब केजरीवाल ने आतिशी को झंडा फहराने के लिए अधिकृत किया था लेकिन राज्यपाल इसके लिए नहीं माने थे.
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत अनियमितताओं की जांच की सिफारिश करने के बाद एलजी और आप सरकार के बीच तनाव बढ़ गया. इस विवाद के चलते मनीष सिसोदिया और केजरीवाल सहित कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी. फिलहाल दोनों जमानत पर हैं, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
पिछले साल मई में वीके सक्सेना ने उपराज्यपाल का पदभार संभाला था. तब से आप सरकार ने कई बार उन पर दिल्ली के मामलों में बेवजह हस्तक्षेप करने के आरोप लगाए हैं. कई मामला सर्वोच्च न्यायालय तक भी पहुंच चुके हैं. इन मामलों के अलावा भी कई छोटी बड़ी बातों को लेकर दिल्ली में घमासान होता रहता है.