दुश्मनों पर कहर बनकर टूटेंगे प्रचंड हेलिकाप्टर, सेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा
Indian Army, Indian Air Force की ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी होने वाली है क्योंकि जल्द ही उन्हें State-of-the-art Light Combat Helicopter (LCH) मिलने जा रहे हैं. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को पिछले साल जून में 156 हेलीकॉप्टरों की निविदा मिली थी, जिसे अब अंतिम मंजूरी मिलने वाली है. इनमें से 90 हेलीकॉप्टर थलसेना और 66 वायुसेना के लिए होंगे. ये हेलीकॉप्टर दुश्मनों पर कहर बरपाने के लिए पूरी तरह तैयार होंगे.

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही सेना और वायुसेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 45,000 करोड़ रुपये की लागत के 145 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर खरीदने के सौदे को मंजूरी दे सकता है. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय चीन और पाकिस्तान सीमा पर अभियानों के लिए इन हेलीकॉप्टरों की खरीद के मामले को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है. यह देश में रोजगार सृजन और एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. सूत्रों ने बताया कि एचएएल को पिछले साल जून में 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की निविदा मिली थी.
विचार-विमर्श के बाद अब परियोजना अंतिम मंजूरी के लिए तैयार है. 156 हेलीकॉप्टरों में से 90 सेना के लिए होंगे जबकि 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे. भारतीय वायु सेना इस संयुक्त खरीद के लिए अनुमोदन एजेंसी है.
प्रचंड 5000 मीटर की ऊंचाई पर...
हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को प्रचंड के नाम से भी जाना जाता है. यह विश्व का एकमात्र हमलावर हेलीकॉप्टर है जो 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. यह विशेषता इसे सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संचालन के लिए आदर्श बनाती है. प्रचंड हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागने में भी सक्षम हैं और दुश्मन की हवाई सुरक्षा को नष्ट कर सकते हैं. सरकार आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत मेक इन इंडिया के जरिए रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की मंशा पर जोर दे रही है.
स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर
सरकार ने स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर दिया है, जिसमें 83 हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं. इसके अलावा, 97 और विमानों के लिए ऑर्डर प्रक्रिया जारी है और इसके लिए बातचीत पूरी हो चुकी है.
भारत में बनाए जा रहे हैं रक्षा उपकरण
सरकार ने घोषणा की है कि अब 65 प्रतिशत रक्षा उपकरण भारत में निर्मित होते हैं, जबकि पहले 65-70 प्रतिशत रक्षा उपकरण आयात किए जाते थे. यह भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है. 'मेक इन इंडिया' पहल के बाद भारत का रक्षा उत्पादन बहुत तेजी से बढ़ा है. 2023-24 में यह 1.27 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. रक्षा मंत्रालय द्वारा मंगलवार को साझा किए गए तथ्य पत्र के अनुसार, भारत के विविध निर्यात पोर्टफोलियो में बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर (डीओ-228) विमान, चेतक हेलीकॉप्टर, तीव्र गति की इंटरसेप्टर नौकाएं और हल्के टॉरपीडो शामिल हैं.