Lok Sabha Security Breach: संसद की सूरक्षा में बुधवार 13 दिसंबर को बड़ी चूक का मामला सामने आया है. दर्शक दीर्घा में बैठे दो लोग सांसदों की बैठने वाली जगह में कूद गए और केन के माध्यम से धुआ फैला दिया. इसके अलावा परिसर में दो अन्य लोगों ने प्रदर्शन करते हुए केन जारिए से धुआ करते हुए तानाशाही नहीं चलेगी का नारा लगाया. आज से ठीक 22 साल पहले संसद में आंतकी हमला हुआ था. इस बीच संसद में सुरक्षा चूक की यह घटना साल 2001 में आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई है.
संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि, "लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना की जांच का आदेश दिया है. सीआरपीएफ के महानिदेशक श्री अनीश दयाल सिंह के अधीन एक जांच समिति गठित की गई है, जिसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ शामिल हैं."
दूसरे ट्वीट में लिखा कि, जांच समिति संसद की सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच करेगी, खामियों की पहचान करेगी और आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी. समिति जल्द से जल्द संसद में सुरक्षा में सुधार के सुझावों सहित सिफारिशों के साथ अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
संसद सुरक्षा उल्लंघन के संबंध में चार संदिग्धों की गिरफ्तारी पर, गुरुग्राम एसीपी (अपराध) वरुण दहिया ने कहा कि, "दिल्ली पुलिस ने विक्की और उसकी पत्नी को हिरासत में लिया है. वे इसकी जांच कर रहे हैं. हम दिल्ली पुलिस के संपर्क में हैं." पुलिस और यदि वे कोई जानकारी मांगते हैं तो हम उनके साथ विवरण साझा करेंगे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संसज भवन के बाहर से पकड़े गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले गांव घासो खुर्द निवासी नीलम 42 और लातूर महाराष्ट्र निवासी अमोल शिंदे 25 के रुप में हुई है. वहीं नीलम हिसार सिविस सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी. वहीं मनोरंजन पेशे से ऑटो ड्राइवर है और कर्नाटक का रहने वाला है. वहीं सागर शर्मा लखनऊ का निवासी है. सभी आरोपी एक दूसरे को जानते थे.
पीटीआई के मुताबिक, बुधवार को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक नीलम के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह पहले किसान आंदोलन सहित कई आंदोलनों में भाग ले चुकी है. नीलम की मां सरस्वती देवी ने हरियाणा के जींद के घसो खुर्द गांव में अपने घर पर संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में मीडिया के माध्यम से पता चला. उनके गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन स्थल पर भी गई थीं. First Updated : Wednesday, 13 December 2023