Lok Sabha Security Breach: 'सांसदों के निलंबन और संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना के बीच कोई संबंध नहीं'- ओम बिरला
Lok Sabha Security Breach: 13 दिसंबर यानी बुधवार को संसद की सूरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था जो पूरे देश में हैरान कर देने वाला है..
Lok Sabha Security Breach: 13 दिसंबर यानी बुधवार को संसद की सूरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया था जो पूरे देश में हैरान कर देने वाला है. इस सेंधमारी के बाद लोकसभा सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया. अब विपक्षी हमलों के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सभी सांसदों को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने सांसदों से सदन में हुई घटना पर राजनीति न करने का आग्रह किया. आगे उन्होंने कहा कि सदन में हुई घटना की जांच के लिए एक हाई लेवल की कमेटी का गठन किया गया है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद सुरक्षा चूक मामले पर सभी सांसदों को पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने लिखा, "घटना की गहन जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है. मैंने एक उच्च शक्ति वाली समिति का गठन भी किया है जो संसद परिसर में सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार करेगी कि इस तरह घटनाएं पुनरावृत्ति नहीं करती हैं."
संसद सुरक्षा चूक मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पत्र पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "जिन संसद सदस्यों को निलंबित किया गया उसका इस घटना (संसद सुरक्षा चूक) से कोई संबंध नहीं है. ये दोनों अलग-अलग विषय हैं. इस पत्र में ये भी लिखा है कि संसद सदस्यों का निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि वह सदन में पोस्टर लेकर आए और उन्होंने संसद को सुचारू रूप से चलने नहीं दिया. विरोध करने के तरीके हैं. देशवासियों का विश्वास टूट रहा है कि अगर इस प्रकार से विपक्ष संसद नहीं चलने देगा तो उनकी आवाज कैसे सरकार के पास पहुंचेगी.
संसद सुरक्षा चूक मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पत्र पर भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कहा, "लोकसभा सांसद के नाते ये मेरा अनुभव रहा है कि बिना किसी पक्षपात के लोकसभा अध्यक्ष ने राष्ट्र के हर मुद्द पर सभी पक्ष के नेताओं को अपना पक्ष रखने का मौका दिया. सांसद होने के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम सदन की गरिमा को आहत ना करें. लोकसभा के स्पीकर किसी पक्ष के नहीं, राष्ट्र के हैं. पत्र में ये दुख भी दिखाई दिया कि जिन सांसदों का निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने सदन की मर्यादा को छिन्न-भिन्न किया. उस कार्रवाई को भी एक राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.