लोकायुक्त की जांच में छूट गया करोड़ों का सुराग? सौरभ शर्मा मामले में सामने आई 3 बड़ी चूक, क्या अब भी कई राज दफन!
मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा का मामला हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. इस जांच में करोड़ों रुपये के गहने, सोना और चांदी बरामद होने के बाद लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई ने नई दिशा ले ली है. लेकिन, इस मामले में कुछ ऐसी खामियां भी सामने आई हैं, जो लोकायुक्त की जांच पर सवाल खड़े कर रही हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व आरटीओ कांस्टेबल के करोड़पति होने और उसकी कमाई के मामले ने लोगों को हैरान कर दिया है और अब इस मामले में बहु-एजेंसी जांच शुरू कर दी गई है. प्रवर्तन निदेशालय ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की अपनी जांच शुरू कर दी है. लोकायुक्त के छापे में राज्य में उनके और उनके सहयोगियों के ठिकानों से करोड़ों रुपये के आभूषण, सोना और सॉल्वर बरामद होने के बाद सभी हैरान हैं.
कैसे शुरू हुई यह जांच?
सौरभ शर्मा 2015 में अपने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा के आधार पर आरटीओ में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त हुए थे. 2023 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. जांच में खुलासा हुआ कि उन्होंने परिवहन विभाग में काम करते हुए अवैध रूप से करोड़ों रुपये कमाए और इन पैसों को स्कूलों, होटलों और रियल एस्टेट में निवेश किया. यह छापेमारी तब शुरू हुई, जब उनके और उनके सहयोगियों के पास से बड़ी मात्रा में सोना, चांदी और नकदी बरामद हुई.
लोकायुक्त की जांच में मिली खामियां
लोकायुक्त द्वारा की गई जांच में तीन बड़ी चूकें सामने आईं, जो जांच पर सवाल खड़ी कर रही है. पहला ये है कि सौरभ शर्मा के घर से करोड़ों की संपत्ति बरामद हुई, लेकिन उनके दूसरे घर की तलाशी नहीं ली गई. यह घर मुख्य ठिकाने से मात्र 100 मीटर की दूरी पर था. इसके अलावा जांच के दौरान इनोवा कार की अनदेखी की गई.शर्मा के घर के पास एक इनोवा कार देखी गई, जिसमें कथित तौर पर 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद थे. इस कार को सीसीटीवी फुटेज में मेंडोरी जंगल की ओर जाते हुए देखा गया. हालांकि, इस कार की पूरी तरह से जांच नहीं की गई. वहीं तीसरा सवाल सहयोगियों के ठिकानों की तलाशी नहीं होने पर उठ रही है.शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल के घर की तलाशी नहीं ली गई,जबकि इस मामले में उनका नाम भी सामने आया था.
ईडी की कार्रवाई और नए खुलासे
ईडी ने इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच शुरू कर दी है। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में छापेमारी की जा रही है. ईडी का मानना है कि लावारिस पाई गई गाड़ियों और ठिकानों से जुड़े कई अहम सुराग अब भी सामने आ सकते हैं.
सौरभ शर्मा का दुबई कनेक्शन
सौरभ शर्मा जांच शुरू होने से कुछ दिन पहले ही दुबई भाग गए थे. उन्होंने परिवार और सहयोगियों के नाम पर कई संपत्तियां पंजीकृत कराई थीं. दुबई में उनके निवेश और संपर्कों की भी जांच की जा रही है. लोकायुक्त की जांच में 7.98 करोड़ रुपये की बरामदगी का दावा किया गया, लेकिन दस्तावेजों में यह रकम सिर्फ 55 लाख रुपये बताई गई. यह बड़ा अंतर लोकायुक्त की कार्रवाई की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है.