भारत-पाकिस्तान की सीमा पर प्रेम: भाजपा नेता के बेटे की ऑनलाइन शादी

Online marriage: हाल ही में एक अनोखी शादी हुई, जहां भाजपा नेता के बेटे मोहम्मद अब्बास हैदर ने पाकिस्तान की अंदलीप जहरा से ऑनलाइन निकाह किया. वीज़ा समस्याओं के कारण दोनों मिल नहीं सके लेकिन दुल्हन की मां की बीमारी के बावजूद शादी हुई. जानिए इस प्रेम कहानी के दिलचस्प पहलुओं के बारे में!

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Online marriage:  हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता के बेटे और पाकिस्तान की एक महिला के बीच एक अनोखी ऑनलाइन शादी हुई. इस विवाह ने न केवल प्रेम को परिभाषित किया बल्कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव के बीच भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया.

दूल्हा मोहम्मद अब्बास हैदर और दुल्हन अंदलीप ज़हरा, जो लाहौर से हैं, व्यक्तिगत रूप से नहीं मिल सके. वीज़ा मुद्दों के कारण दोनों का आमना-सामना करना संभव नहीं था. दूल्हे के पिता, भाजपा पार्षद तहसीन शाहिद ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए इस ऑनलाइन 'निकाह' का आयोजन किया. इनमें सबसे बड़ी चुनौती दुल्हन की मां का बीमार होना और पाकिस्तान में आईसीयू में भर्ती होना शामिल थी.

इमामबाड़े में हुई शादी की रस्में

शादी की रस्में इमामबाड़े में हुईं, जहां दूल्हे के परिवार वाले एकत्रित हुए जबकि दुल्हन का परिवार लाहौर से ऑनलाइन समारोह में शामिल हुआ. इस प्रकार की ऑनलाइन शादी की प्रक्रिया के बारे में शिया धर्मगुरु मौलाना महफूजुल हसन खान ने बताया कि इस्लाम में निकाह के लिए महिला की सहमति आवश्यक होती है. दुल्हन ने अपनी सहमति दी और दोनों पक्षों के मौलाना मिलकर इसे संपन्न कराया.

भारतीय वीजा की उम्मीद में दूल्हा

दूल्हा मोहम्मद अब्बास ने कहा कि वे अपनी पत्नी को बिना किसी परेशानी के भारतीय वीजा मिलने की उम्मीद करते हैं. इस ऑनलाइन शादी में भाजपा के एमएलसी बृजेश सिंह प्रिशु और अन्य मेहमान भी शामिल हुए, जिन्होंने दूल्हे के परिवार को बधाई दी. यह घटना न केवल प्रेम की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे तकनीक ने दूरी को पाट दिया है. ऐसे समय में जब राजनीतिक तनाव अधिक होता है, ऐसे विवाहों से यह सन्देश मिलता है कि प्रेम और भाईचारा सबसे ऊपर है.

एक नई उम्मीद का प्रतीक

इस अनोखे निकाह ने हमें यह भी याद दिलाया कि रिश्ते केवल भौगोलिक सीमाओं से नहीं बंधे होते. भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरी भले ही बड़ी हो लेकिन दिलों के बीच की दूरी कम नहीं हो सकती. यह विवाह एक नई उम्मीद का प्रतीक है, जो दोनों देशों के बीच शांति और सहयोग की संभावनाओं को बढ़ाता है. इस प्रकार, मोहम्मद अब्बास और अंदलीप ज़हरा की शादी एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि प्रेम और एकता कैसे सभी बाधाओं को पार कर सकते हैं. First Updated : Sunday, 20 October 2024