कश्मीर में आतंकियों के पास कैसे पहुंच रहे अमेरिकी हथियार, कौन देगा जवाब
American M4 rifles: जम्मू-कश्मीर के अखनूर में मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादियों के पास से अमेरिकी M4 राइफल बरामद होने से सुरक्षा बलों में हड़कंप मच गया है. सुरक्षा बल इस बात का आकलन कर रहे हैं कि अफगानिस्तान से वापसी के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा छोड़ी गई ये घातक राइफलें जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों तक कैसे पहुंच रही हैं.
American M4 rifles: जम्मू और कश्मीर में M4 राइफल की मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंता में डाल दिया है. सूत्रों के मुताबिक, 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद छोड़े गए हथियार अब पाकिस्तान के रास्ते कश्मीर में आतंकवादियों तक पहुंच रहे हैं. हाल ही में जम्मू और कश्मीर में एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने M4 राइफल बरामद की, जिससे यह साफ हो गया कि आतंकवादी अब AK-47 की जगह M4 राइफल का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि ये राइफलें अफगानिस्तान से खरीदी जा रही हैं और पाकिस्तान में उनकी नकल भी बनाई जा रही है.
सीसीटीवी में दिखाई दीं M4 राइफलें
जम्मू और कश्मीर के गंदेरबल जिले में एक आतंकवादी हमले में सीसीटीवी फुटेज में आतंकवादियों को M4 राइफल के साथ देखा गया था. इससे यह साबित हो गया कि कश्मीर में आतंक फैलाने वाले आतंकवादियों के पास अब ये खतरनाक हथियार पहुंच गए हैं. इससे पहले 2017 में हिज्बुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर समीर टाइगर और 2018 में जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी कमांडर अबु तल्हा के पास भी M4 राइफलें बरामद हो चुकी थीं. जब अमेरिकी और नाटो सेना अफगानिस्तान में तैनात थी, तब पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से इन राइफलों की सप्लाई हो रही थी.
M4 राइफल की खूबियां
M4 राइफल एक हल्की और शक्तिशाली असॉल्ट राइफल है, जो प्रति मिनट 700 से 900 राउंड फायर कर सकती है. यह 500 से 600 मीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगा सकती है, और इसकी अधिकतम रेंज 3600 मीटर तक है. इसमें नाइट विजन जैसी सुविधाएं भी होती हैं, जो इसे और भी ज्यादा खतरनाक बनाती हैं. इस राइफल का इस्तेमाल अक्सर जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी कमांडर करते रहे हैं, और यह जम्मू के अखनूर सेक्टर में मारे गए आतंकवादियों के पास से भी बरामद हुई थी.
रक्षा विशेषज्ञों की चिंता
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान से अत्याधुनिक हथियारों का कश्मीर में आतंकवादियों तक पहुंचना एक गंभीर खतरा है. खुफिया जानकारी के अनुसार, 2021 में अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में 3 लाख छोटे हथियारों और हजारों M4 राइफलों के अलावा करीब 7 बिलियन डॉलर के सैन्य उपकरण छोड़कर गई थी. अब ये हथियार पाकिस्तान से होते हुए कश्मीर में आतंकवादियों तक पहुंच रहे हैं, जो कश्मीर की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है.