सतना में 1500 छात्राओं को हिंदी-अंग्रेजी में मिले जीरो मार्क्स, रिजल्ट देख लोग हैरान

मध्य प्रदेश के सतना जिले में शासकीय कन्या महाविद्यालय के परिणाम ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. बीए, बीएससी और बीकॉम द्वितीय वर्ष की करीब 1500 छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों में शून्य अंक देकर फेल घोषित कर दिया गया है. रिजल्ट से नाराज छात्राओं ने कॉलेज प्राचार्य से शिकायत की और इसमें सुधार की मांग की.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma

Satna: मध्य प्रदेश के सतना स्थित शासकीय कन्या महाविद्यालय में बीए, बीएससी और बीकॉम द्वितीय वर्ष की परीक्षा के परिणाम ने हड़कंप मचा दिया है. करीब 1500 छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी जैसे कॉमन विषयों में फेल घोषित किया गया है. इनमें से अधिकांश को शून्य अंक मिले हैं. इस नतीजे को लेकर छात्राएं और छात्र संगठन बेहद नाराज हैं और इसे लेकर कॉलेज प्रबंधन से जवाब मांग रही हैं.

हिंदी और अंग्रेजी में शून्य अंक, कैसे संभव?

आपको बता दें कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा द्वारा हाल ही में जारी किए गए परिणामों में सतना जिले के कई कॉलेजों की छात्राओं को फेल कर दिया गया है. अकेले शासकीय कन्या महाविद्यालय की 1500 छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी जैसे विषयों में शून्य अंक दिए गए हैं. छात्रा शोभा रजक ने कहा, ''हमने सभी पेपर दिए थे, लेकिन हमें शून्य अंक मिले हैं. यह कैसे संभव है? हमारे कक्षा 12वीं में 75-80 प्रतिशत अंक थे, फिर हिंदी और अंग्रेजी में फेल कैसे हो सकते हैं?''

प्राचार्य की सफाई और छात्राओं का आक्रोश

वहीं आपको बता दें कि शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एपी सिंह ने कहा, ''यह समस्या हमारे संज्ञान में है. यह गड़बड़ी सिर्फ हमारे कॉलेज में नहीं, बल्कि नागौद और अमरपाटन सहित कई अन्य कॉलेजों में भी हुई है. पिछले साल भी ऐसा हुआ था और यह छात्रों के लिए बेहद परेशान करने वाला है.'' वहीं छात्राओं का कहना है कि बार-बार सप्लीमेंट फॉर्म भरने की प्रक्रिया न केवल महंगी है, बल्कि उनके माता-पिता पर आर्थिक बोझ डालती है.

छात्र संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

इसके अलावा आपको बताते चले कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कॉलेज प्रबंधन को चेतावनी दी है कि यदि पांच दिनों में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. संगठन के अध्यक्ष शिवेंद्र चतुर्वेदी ने कहा, ''विश्वविद्यालय प्रबंधन केवल सप्लीमेंट फॉर्म भरने के नाम पर पैसे कमाने का काम कर रहा है.''

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13 December 2024, 06:57 PM IST

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