मध्य प्रदेश की पंप एक्शन गन, बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा का नया हथियार
Pump Action Guns: मध्य प्रदेश वन विभाग 700 पंप एक्शन गन BSF को सौंपेगा, जो बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी. इन गनों का उपयोग घुसपैठियों और ड्रोन को रोकने के लिए किया जाएगा. बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि ये गन सीमा पर कितनी असरदार साबित होती हैं.
Pump Action Guns: मध्य प्रदेश के वन विभाग ने निर्णय लिया है कि वह अपनी 700 पंप एक्शन गन सीमा सुरक्षा बल (BSF) को सौंपेगा. इन गनों का उपयोग बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किया जाएगा. इन गनों से रबर की गोलियां चलाई जाती हैं जो घातक नहीं होतीं और जनहानि की संभावना कम होती है. ये गन बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने और छोटी ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन को नष्ट करने में भी मदद करेंगी.
पंप एक्शन गन की विशेषताएं
पंप एक्शन गन, जो कि 2008 में अमेरिका की कंपनी मैवरिक आर्म्स इंक से आयात की गई थीं, सिंगल बैरल और 12 गेज कैलिबर की हैं. इनका सामान्य इस्तेमाल हथियारबंद शिकारियों और पेड़ काटने वाले गिरोहों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. इन गनों से रबर की गोलियां चलाने की क्षमता होती है जो घातक नहीं होतीं और इसका उपयोग जंगल और वन क्षेत्र में किया जाता है.
बांग्लादेश की अशांति और भारतीय सुरक्षा
हाल ही में बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के चलते वहां की स्थिति अस्थिर हो गई है. प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और भारत में शरण लेने के बाद से बांग्लादेश में अस्थिरता बनी हुई है. वर्तमान में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस वहां की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. इस अशांति के कारण, कई बांग्लादेशी नागरिक भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं.
इसलिए, BSF ने बांग्लादेश सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है ताकि घुसपैठ को रोका जा सके. मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद यह फैसला लिया है कि ये गन BSF को दी जाएं. भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें पश्चिम बंगाल के साथ 2,217 किलोमीटर लंबी सीमा भी शामिल है. इसके अलावा असम, त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय की सीमाएं भी बांग्लादेश से सटी हुई हैं.