Dhirendra Shastri: पंडित धीरेंद्र शास्त्री की आपत्तिजनक वीडियो पर बवाल, मामले में हाईकोर्ट सख्त
Dhirendra Shastri: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया को सख्त आदेश दिए हैं, दरअसल आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक भ्रामक वीडियो चलाया जा रहा है.
हाइलाइट
- पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सेवक रंजीत सिंह पटेल की तरफ से याचिका दायर की गई है.
- पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम, छतरपुर के पीठाधीश्वर हैं, साथ ही कट्टर सनातनी.
Dhirendra Shastri: देशभर में बाबा बागेश्वर के नाम से प्रसिद्ध पंडित धीरेंद्र शास्त्री की आपत्तिजनक वीडियो का मामला कोर्ट में पहुंचा है. दरअसल इस पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सारे सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, एक्स यू-ट्यूब जैसे तमाम इंटरनेट प्लेटफॉर्म को नोटिस भेजा है. दरअसल कोर्ट में दायर अवमानना याचिका में आरोप है कि, अदालत से आदेश मिलने के बाद भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध आपत्तिजनक कमेंट्स को सोशल मीडिया से डिलीट नहीं की गई है.
अधिवक्ता पंकज दुबे का बयान
वहीं इस मामले पर अवमानना याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता पंकज दुबे का बयान सामने आया है. उन्होंने बताया कि, हाईकोर्ट के जस्टिस राजमोहन सिंह की एकलपीठ ने बीते दिन यानी बुधवार को इंटरनेट मीडिया फेसबुक, यू-ट्यूब पर सुनवाई करने के बाद इंटरनेट प्लेटफॉर्म को जवाबी नोटिस भेजी है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सेवक रंजीत सिंह पटेल की तरफ से कुछ समय पूर्व याचिका दायर की गई थी. इस मामले में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पंकज दुबे और रितिका गुप्ता ने कोर्ट में बयान दिया है. बता दें कि याचिका में आरोप है कि, बिना जांच किए आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक भ्रामक वीडियो लगातार चलाया जा रहा है.
जबकि धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम, छतरपुर के पीठाधीश्वर हैं. साथ ही सनातन धर्म के पूजनीय संत हैं और उनकी महिमा देश-विदेश में फैली हुई है. आगे उनका कहना है कि, पूर्व विधायक प्रजापति ने इंटरनेट मीडिया में अपनी दुश्मनी निकालने के लिए आपत्तिजनक पोस्ट करके गलत अफवाह फैला रहे हैं.
अवमानना याचिका दायर
वहीं इस मामले को लेकर हाई कोर्ट ने बीते 4 दिसंबर को एक आदेश पारित किया था, जिसके आधार पर सोशल मीडिया से आपत्तिजनक टिप्पणियां हटाने के आदेश दिए गए थे. मगर इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई है.