Madhya Pradesh: ठेकेदारों को किया जाए गिरफ्तार, उज्जैन में खंडित मूर्ति पर दिग्विजय सिंह का बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने मूर्ति के लिए साढ़े तीन करोड़ रूपये मंजूर किए थे, लेकिन दुर्भाग्य से हमारी सरकार चली गई।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रेदश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उज्जैन महाकाल महालोक में तेज हवा और आंधी के चलते सप्तऋषि की मूर्तियां खंडित होने पर शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि "कमलनाथ सरकार ने महाकाल मंदिर के विकास के लिए साढ़े तीन करोड़ रूपये मंजूर किए थे, लेकिन दुर्भाग्य से हमारी सरकार चली गई।"
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि "कमलनाथ सरकार ने महाकाल मंदिर के विकास के लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए मंजूर किए। लेकिन दुर्भाग्य से हमारी सरकार चली गई और ठेका मिला किसको, सप्तऋषि की मूर्तियां जिसके एक-एक मूर्तियों पर 45 लाख खर्च हुए वो हवा के झोंके से गिर गई। लेकिन शासन-प्रशासन ने कहा कि हवा तेज थी इसलिए मूर्तियां गिर गई।"
उन्होंने कहा कि "7 मूर्तियों में से 6 मूर्तियां जो गिरी हैं इसकी पूरी जवाबदारी ठेकेदार के साथ-साथ उन सभी अधिकारियों की है जिन्होंने ठेका मंजूर किया है। उन ठेकेदार को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। दिग्विजय ने बीजेपी धर्म के नाम पर व्यवसाय करने का आरोप लगया है।"
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि कोई ऐसी योजना नहीं है, जिसमें भाजपा ने भ्रष्टाचार ना किया हो। उज्जैन के महाकुंभ में घटिया निर्माण किया और अब 750 करोड़ से बने महाकाल लोक कॉरिडोर की मूर्तियां तेज हवा से उड़ गई।