BJP शासित राज्य में CBI को झटका, जांच से पहले लेनी होगी लिखित अनुमति

CBI Investigation Rules In Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) के लिए नए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जिसमें मध्यप्रदेश में किसी भी मामले की जांच करने से पहले राज्य सरकार की लिखित में परमिशन लेनी होगी. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. एमपी के गृह विभाग ने ये अधिसूचना जारी की है.

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CBI Investigation Rules In Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में  केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को अब मध्यप्रदेश में किसी भी मामले की जांच करने से पहले प्रदेश सरकार से परमिशन लेनी होगी. मतलब बिना राज्य सरकार की परमिशन के सीबीआई कोई भी जांच नहीं कर पाएगी. राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है, जिसके मुताबिक 1 जुलाई से ही ये लागू हो जाएगा.

गृह विभाग के अनुसार राज्य में ये व्यवस्था पहले से लागू थी, लेकिन अभी भारतीय न्याय संहिता लागू होने की वजह से नोटिफिकेशन जारी करना जरूरी था. ऐसा नहीं करने पर कोर्ट में चल रहे विचाराधीन मुकदमों पर असर पड़ सकता था.

सीबीआई को लेनी होगी इजाजत

मध्यप्रदेश की सरकार ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धारा 3 का शक्तियों का इस्तेमाल किया है. मध्य प्रदेश सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि अगर सीबीआई को राज्य के किसी भी व्यक्ति, सरकारी अधिकारी या संस्था की जांच करनी हो तो उसे पहले प्रशासन से लिखित मंजूरी लेनी ही होगी.अपने इस आदेश को जारी करने के बाद एमपी भी अब उन राज्यों की लिस्ट में शामिल हो गया, जहां सीबीआई जांच के लिए पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी. जिन राज्यों में ये नियम लागू हैं वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब, केरल और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं.

एमवीए सरकार ने पलट दिया था आदेश

सीबीआई को अपने अधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए राज्य सरकार से सहमति लेनी जरूरी है. ऐसा दिल्ली के स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट की धारा-6 में लिखा हुआ है. वहीं दूसरी ओर साल 2022 अक्टूबर में महाराष्ट्र सरकार ने पहले के इस आदेश को पलट दिया था. शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की तत्कालीन एमवीए सरकार के आदेश को पलट दिया था.
First Updated : Friday, 19 July 2024