मध्य प्रदेश : MP से MLA बनेंगे ये 7 सांसद, हारे तो लगेगा बड़ा दाग, जीते तब भी होगा नुकसान
Election Result 2023 : मध्य प्रदेश में इस बार 7 सांसद विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं. आज इनकी किस्मत का फैसला होने वाला है. मध्य प्रदेश के सात सांसदों में 3 केंद्रीय मंत्री हैं.
Election Result 2023 : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद आज मिजोरम छोड़कर चार राज्यों के चुनावी परिणाम आ रहे हैं. मध्य प्रदेश में इस बार 7 सांसद विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं. आज इनकी किस्मत का फैसला होने वाला है. मध्य प्रदेश के सात सांसदों में 3 केंद्रीय मंत्री हैं. इनमें तीन केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, नरसिंहपुर विधानसभा सीच से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं नरेंद्र सिंह तोमर, दिमनी सीट से मैदान में हैं. तीसरे मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, निवास विधानसभा सीट से ताल ठोंक रहे हैं.
इनके अलावा सीधी से सांसद रीति पाठक, सीधी शहर विधानसभा सीट से मैदान में हैं. सतना से सांसद गणेश सिंह, सतना विधानसभा सीट से मैदान मैं हैं. जबलपुर से सांसद राकेश सिंह, जबलपुर पश्चिम सीट से मैदान में हैं. वहीं होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह गाडरवारा विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी हैं.
चुनाव जीतकर भी नहीं होगा फायदा
मध्य प्रदेश के चुनाव में सांसद और केंद्रीय मंत्री अगर चुनाव जीत भी जाते हैं तो उनको कोई बड़ा लाभ नहीं होने वाला. न ही किसी का राजनीतिक कद बढ़ने वाला है. अगर मैथमैथमैटिक्स की तरह मान लिया जाए कि सभी सातों सांसद जीत जाते हैं तब भी ज्यादा से ज्यादा उनको राज्य में मंत्री बना दिया जाएगा. इससे अधिक कुछ नहीं होने वाला. इसके बाद ये नेता राज्य तक सीमित हो जाएंगे.
अगर बीजेपी जीती तो कौन बनेगा सीएम?
मध्य प्रदेश में अगर बीजेपी जीत भी जाती है तो सभी सांतों सांसद मुख्यमंत्री चो नहीं बन जाएंगे. हां, यह बात अलग है कि जोर सभी लगाएंगे कि सीएम वहीं बनेगा जिसको पीएम मोदी और अमित शाह चाहेंगे. अगर शिवराज सिंह चौहान की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में अभी तक ऐसा लग रहा है कि पार्टी ने उनको किनारे कर दिया है.
सांसद नहीं लड़ना चाह रहे थे विधानसभा चुनाव
मध्य प्रदेश में जिन सांत सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को बीजेपी ने विधायकी का चुनाव लड़ने के लिए उतारा है, इनमें से कोई भी दिल से चुनाव लड़ना चाह रहा था. मीडिया में आकर भले सभी नेताओं ने नाराजगी न जताई हो लेकिन सांसद अपने समर्थकों से साफ कहते सुने गए हैं कि पार्टी ने फंसा दिया अब तो लड़ना ही पड़ेगा, लेकिन मन नहीं है.
कैलाश विजयवर्गीय जता चुके हैं नाराजगी
कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जब उनको पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया तो उन्होंने मीडिया में आकर साप कहा था कि मैं ये छोटे- मोटे चुनाव लड़ने के लिए नहीं बना हूं.