मध्य प्रदेश: "सुप्रीम कोर्ट ने कब कहा बजरंग दल नफरत फैलाता है", नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ से मांगा जवाब
नरोत्तम मिश्रा ने कमल नाथ को लिखे पत्र में उन्होंने पूछा है कि क्या कमल नाथ बजरंग दल पर बैन लगाने की बात से सहमत हैं। वह खुद बजरंग दल पर बैन की मांग को लेकर क्या सोचते हैं, उसे लेकर स्थिति को स्पष्ट करें।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा जारी किए गए अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पीएफआई के साथ- साथ बजरंग दल पर भी प्रतिबंध लगाने की बात पर देश भर में सियासत (राजनीति) गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी बजरंग दल पर बैन लगाने के कांग्रेस के वादे को 'बजरंगबली' से जोड़ते हुए लगातार हमला कर रही है।
बता दें कि प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अब इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ- साथ कमलनाथ सिंह को भी घेरा है और उनसे अपनी हनुमान भक्ति साबित करने की मांग कर दी है। इस मामले में नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सिंह को एक पत्र लिखा है, पत्र में उन्होंने पूछा है कि "क्या कमल नाथ बजरंग दल पर बैन लगाने की बात से सहमत हैं। वह खुद बजरंग दल पर बैन की मांग को लेकर क्या सोचते हैं, उसे लेकर स्थिति को स्पष्ट करें।"
तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करने के साथ बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर करोड़ों हिंदुओं और राम भक्तों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) May 3, 2023
खुद को हनुमान भक्त बताने वाले कमलनाथ जी को बताना चाहिए कि वह… pic.twitter.com/SOvpEvovs3
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पत्र में लिखा है कि, "कमल नाथ जी, मैंने आपके कई सारे वीडियो और चित्र देखे हैं, जिनमें भगवान बजरंग बली के प्रति आपकी भक्ति साधना प्रदर्शित की गई है। बजरंग बली के प्रति आपकी श्रद्धा- भक्ति समय- समय पर कई बार मीडिया के माध्यम से भी देखी और सुनी गई है। ऐसे में कोई भी बजरंग भक्त ऐसा नहीं होगा जो कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध की घोषणा से आहत न हुआ हो। आपकी पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी कर्नाटक घोषणा पत्र के इस बिंदु से सहमत हैं और वह पूर्व में अपने मुख्यमंत्री रहते समय अपने कार्यकाल में बजरंग दल पर लगाए गए प्रतिबंध की बात को दोहरा रहे हैं। ऐसे में मेरा आपसे आग्रह है कि आप इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया से स्पष्ट करें कि आप इस निर्णय के पक्ष में हैं या विपक्ष में।"