Madhya Pradesh Police: कांग्रेस के दिवंगत नेता देवेंद्र चौरसिया के बेटे की सुरक्षा हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस पर नाराजगी जाहिर की है और फटकार लगाते हुए कहा कि आप अभियोजन के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्नाथन की ने दमोह जिले के पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से 24 घंटे के भीतर सिक्योरिटी बहाल करने के आदेश दिए हैं.
देवेंद्र चौरसिया की साल 2019 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद हत्या कर दी गई थी, अब पीठ ने उस मामले में उनके बेटे सोमेश के लिए पुलिस को आदेश दिया है कि 24 घंटे के भीतर अगर अगर सुरक्षा प्रदान नहीं की गई तो उनके ऊपर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. देवेंद्र की हत्या के बाद उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश की ओर से पेश अधिवक्ता सौरभ मिश्रा ने दलील देते हुए कहा कि एमपी पुलिस ने चौरसिया परिवार की पूरी समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है. इस पर शीर्ष अदालत ने फटकार लगाते हुए पुलिस को वापस सुरक्षा देने का आदेश दिया है.
पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आप लोग अभियोजन की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं, आप अभियोजन को सुरक्षा प्रदान करने की बजाए गुंडा का संरक्षण करने काम कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर 24 घंटे में अभियोजन को सुरक्षा वापिस नहीं की जाती है तो अगली तारीख में प्रदेश के एसपी और डीजीपी को कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा जाए. अदालत ने यह भी कहा है कि दामोह के पुलिस अधीक्षक एक अहंकारी जान पड़ते हैं.
वहीं. याचिकाकर्ता की ओर पेश वकील वरुण ठाकुर ने कहा कि चौरसिया परिवार को वर्तमान समय में किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं मिल रही है जिसके कारण उनकी जान को खतरा बना हुआ है और कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस महकमे ने उनकी सुरक्षा को हटा लिया. First Updated : Saturday, 20 January 2024