पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध क्राइम नहीं...MP कोर्ट ने सुनाया फैसला
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महिला द्वारा अपने पति के खिलाफ दर्ज अप्राकृतिक यौन संबंधों के मामले पर फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध क्राइम नहीं है.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई एफआईआर को इस टिप्पणी के साथ रद्द कर दिया है कि यह कानूनन अपराध नहीं है क्योंकि वह उस से विवाहित थी. कोर्ट का ये फैसला बुधवार को जारी किया गया है जिसकी पूरी डिटेल गुरुवार को एचसी वेबसाइट पर अपलोड किया गया है.
इस मामले के सुनवाई करते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने कहा कि विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना IPC की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है इसलिए सहमति महत्वहीन हो जाती है.
क्या है मामला
दरअसल, यह मामला एक पति पत्नी के बीच का है. साल 2019 में दोनों ने शादी की थी लेकिन महिला 2020 से अपने पति से दूर होकर माता पिता के घर में रह रही है. महिला ने अपने पति पर दहेज उत्पीड़न के लिए उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मामला अदालत में है. उसके बाद जुलाई 2022 में पत्नी ने एक एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें महिला ने अपने पति पर अप्राकृतिक यौन संबंध का आरोप लगाया था.
हाई कोर्ट ने क्या कहा
एमपी हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा दायर अप्राकृतिक यौन संबंध के मामले को खारिज करते हुए कहा कि यह अपराध नहीं है. जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने इस मामले पर कहा कि, इस अदालत की सुविचारित राय है कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद कि एक पति द्वारा कानूनी रूप से विवाहित पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध आईपीसी की धारा 377 के तहत अपराध नहीं है और तुच्छ आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया गया था या नहीं.