Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस का अभेद किला छिंदवाड़ा को जीतने के लिए BJP बेताब, 5 साल से बुन रही चक्रव्यूह

Lok Sabha Elections 2024: मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर पिछले 72 साल से कांग्रेस एक तरफा राज है. 1997 के उपचुनाव के छोड़ दें तो कांग्रेस को इस सीच पर कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा. आपातकाल के समय जब देश में कांग्रेस के विरुद्ध लहर थी तब भी छिंदवाड़ा ने कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा था.

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Lok Sabha Elections 2024: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली बीजेजी का जोश हाई है और सपने सातवें आसमान पर हैं. बीजेपी मध्यप्रदेश में कांग्रेस का किला कही जाने वाली छिंदवाड़ा सीट को जीत कर मध्यप्रदेश को कांग्रेस मुक्त और कमलनाथ को पैदल करना चाहती है, जिसके लिए बीजेपी हर संभव प्रयास भी कर रही है. 

प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 2019 में 28 सीटें जीती थी. सिर्फ एक सीट छिंदवाड़ा कांग्रेस के खाते में गई थी. इस सीट से कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ मैदान में थे. भाजपा कमल नाथ का छिंदवाड़ा का गढ़ ढहाने में इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसके लिए बीजेपी छिंदवाड़ा में पांच साल से मेहनत कर रही है.  

बीजेपी के हौसले बुलंद

कमलनाथ को लेकर फरवरी में यह चर्चा चली कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो छिंदवाड़ा से नकुल नाथ भाजपा प्रत्याशी हो सकते हैं. हालांकि नकुल नाथ ने इस बात का खंडन कर दिया था. तीन महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में मिली शानदार सफलता से भाजपा के हौसले बुलंद हैं. भाजपा को भरोसा है कि पीएम मोदी का जादू और रामलला के मंदिर से जागा उत्साह राह आसान कर रहा है.

छिंदवाड़ा किले को बीजेपी कभी नहीं भेद पायी

छिंदवाड़ा सीट पर पिछले 72 सालों से कांग्रेस का ही एकतरफा कब्जा रहा है। साल 1997 का उपचुनाव को अपवाद के रूप में छोड़ दें तो कांग्रेस को यहां से कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा. आपातकाल में जब देशभर में कांग्रेस के विरुद्ध लहर थी तब भी छिंदवाड़ा ने कांग्रेस का हाथ नहीं छोड़ा. साल 1980 से 2014 तक के आम चुनाव में यहां कमलनाथ परिवार का कब्जा रहा है.

पांच वर्ष में भाजपा का छिंदवाड़ा में रहा फोकस

पिछला लोकसभा चुनाव  2019 हारने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को छिंदवाड़ा का प्रभारी बना दिया गया था. पांच वर्षों में भाजपा ने कार्यकर्ताओं से लेकर बूथ सशक्तीकरण, संगठन विस्तार सहित पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना का यहां काम किया है. गिरिराज सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छिंदवाड़ा के दौरे भी किए. बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए यहां चक्रव्यूह की रचना कर मतदाताओं को फंसाने की कोशिश की. हालांकि इन प्रयासों के बाद भी भाजपा विधानसभा चुनाव में यहां बेहतर परिणाम नहीं दे पाई.

आदिवासी सीटों पर कांग्रेस दे रही भाजपा को चुनौती

मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भले ही बढ़त बनाई हो, लेकिन हाल ही में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों में आदिवासी बहुल कई सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी है. 28 वर्ष बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में पहली बार आदिवासी सीटों पर भाजपा को मालवा से महाकोशल अंचल तक नुकसान हुआ है. First Updated : Tuesday, 05 March 2024