जामनगर के जाम साहब थे बड़े दिल वाले महाराजा, द्वितीय विश्व युद्ध में पोलैंड के लिए बने थे मसीहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पोलैंड पहुंचकर वारसॉ में महाराजा जाम साहब नवानगर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस बीच लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर महाराजा जाम साहब कौन थे और उन्होंने पोलैंड के लिए ऐसा किया कि लोग उन्हें इतना इज्जत देते हैं. तो चलिए इसके बारे में जानते हैं.

JBT Desk
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प्रधानमंत्री पीएम मोदी हाल ही में पोलैंड की राजधानी वॉरसॉ गए थे जहां उन्होंने नवानगर के जाम साहब स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. नवानगर में जाम साहब को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने कोल्हापुर परिवार के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पीएम मोदी ने जाम साहब दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जडेजा के मानवीय योगदान पर प्रकाश डाला, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के कारण बेघर हुए पोलिश बच्चों को आश्रय दिया था. इस बीच आज हम आपको महाराजा जाम साहब के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.

18 सितंबर 1895 को जन्मे जाम साहेब का पूरा नाम जाम साहब दिग्विजय सिंह जी रणजीत सिंह जी जडेजा है. वो एक हिन्दू राजपूत वंश के राजा थे. दरअसल साल 1939 से लेकर 1945 तक हुए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड पूरी तरह तबाह हो चुका था. जर्मनी की सेना लगातार पोलैंड पर हमला कर रही थी. वहां, के आम लोग खुद की जान बचाने के लिए दूसरे देश भाग रहे थे. उस दौरान जाम साहब मसीहा बनकर हजारों यहूदी लोगों को शरण दी थी और उनकी जान बचाई थी.

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