क्या टूट रही है MVA? कांग्रेस के आधार से शिवसेना का इनकार, इन 36 सीटों पर NCP से भी मतभेद
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले वहां की सियासत गरमाई हुई है. अब कहा जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), और एनसीपी (शरद पवार गुट) में सीटों के बंटवारे को लेकर बात नहीं बन रही है. तीनों दलों के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी मतभेद हो रहे हैं.
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी (MVA) के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. भले ही कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. घटक दलों के बीच सीटों की संख्या और उन पर दावेदारी को लेकर मतभेद हैं. कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), और एनसीपी (शरद पवार गुट) के बीच कई सीटों पर तीनों दलों की दावेदारी है, जिससे यह प्रक्रिया और जटिल हो गई है.
बताया जा रहा है कि पिछले एक महीने में महाविकास अघाड़ी के घटक दलों के बीच चार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन मुंबई की लगभग तीन दर्जन सीटों पर अब भी सहमति नहीं बनी है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मुंबई में सहमति बनने का दावा किया है, लेकिन कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) ने इस दावे को नकार दिया है.
कांग्रेस नेता ने किया दावा
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने लाइव हिंदुस्तान से कहा कि शिवसेना (यूबीटी) मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को घोषित करने का लगातार दबाव बना रही है. लगभग हर बैठक में यह मुद्दा सामने आता है, लेकिन सीट बंटवारे के लिए गठित समिति के पास मुख्यमंत्री पद के चेहरे को तय करने का अधिकार नहीं है. इस मामले में अंतिम निर्णय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.
कांग्रेस के आधार से इनकार
कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी अधिक सीटों पर दावेदारी कर रही है, लेकिन कांग्रेस लोकसभा चुनाव परिणाम के आधार पर सीट बंटवारा चाहती है, जहां कांग्रेस 17 में से 13 सीटें जीतने में सफल रही थी.
4 दौर में नहीं बना बात
2019 में शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन था और उस समय शिवसेना ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. भाजपा ने 150 सीटों पर चुनाव लड़ा था. हालांकि, अब शिवसेना दो हिस्सों में बंट चुकी है, इसलिए प्रदेश कांग्रेस शिवसेना (यूबीटी) की मांगों के अनुसार सीटें देने को तैयार नहीं है. इसी कारण, चार दौर की बैठकों के बावजूद भी सहमति नहीं बन सकी है.