बार-बार गलती मान रहे हैं अजित पवार, अब किस बात ने मचाई सियासी खलबली

Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में चुनाव से पहले कई कयासों के दौर में डिप्टी CM अजित पवार के एक बयान ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है. उन्होंने एक सभा में अपनी गलती स्वीकार की है. पवार ने सीधे तौर पर कहा कि परिवार का टूटना समाज को पसंद नहीं है. लोग परिवार में लड़ाई पसंद नहीं करते हैं. पवार का ये बयान गढ़चिरौली में शनिवार को एक रूठे नेता को मनाने के दौरान आया है. इसके बाद से देश में इसकी चर्चा होने लगी है.

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Maharashtra Assembly Election: अगले कुछ महीनों में महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले यहां का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. डिप्टी CM और NCP अध्यक्ष अजित पवार ने पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़वाने पर एक बार फिर  गलती मानी है. उन्होंने कहा कि हमारा समाज परिवार में लड़ाई को नकार देता है. पवार शनिवार को गढ़चिरौली पहुंचे थे. इस दौरान एक रूठे नेता को मनाते समय उन्होंने कहा कि परिवार में फूट डालने की गलती नहीं करनी चाहिए. मुझे गलती का एहसास हो गया है. मैंने भूल स्वीकारी है.

बता दें अजित पवार ने एक महीने के भीतर दूसरी बार अपनी बात दोहराई है. उन्होंने 13 अगस्त को एक मराठी न्यूज चैनल को इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति को घर में नहीं घुसने देना चाहिए. मेरा अपनी पत्नी को बहन के खिलाफ चुनाव लड़वाने का मेरा फैसला गलत था.

पवार ने मानी गलती

अजित गडचिरोली के शाही परिवार के कैबिनेट मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम और उनकी बेटी भाग्यश्री के बीच चल रहे विवाद पर बात कर रहे थे. उन्होंने भाग्यश्री से आग्रह किया कि वह उनके नेतृत्व वाली एनसीपी से न हटें. वो बोले कृपया परिवारों को मत तोड़िए. लोग ऐसे लोगों को पसंद नहीं करते जो ऐसा करते हैं. मैंने भी इसे अनुभव किया है और अपनी गलती मानता हूं.

धर्मरावबाबा बेटी के खिलाफ

धर्मरावबाबा आत्राम अपनी बेटी भाग्यश्री के साथ पारिवारिक झगड़े और संभावित चुनावी मुकाबले पर खुलकर बोले. उन्होंने कहा 'यहां सिर्फ एक ही सीट है और मैंने अपनी तलवार खींच ली है. चाहे वह मेरी बेटी हो, दामाद हो या परिवार का कोई और सदस्य, ऐसे लोगों को नदी में फेंक देना चाहिए. उन्होंने जनता से गडचिरोली के विकास में उनके योगदान को याद करने का आग्रह किया और कहा कि उनके काम का श्रेय किसी और को नहीं मिलना चाहिए.

पिता के खिलाफ बेटी

भाग्यश्री आत्राम-हालगेकर ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में पुष्टि की कि वह अहेरी से चुनाव लड़ने का इरादा रखती हैं. उन्होंने कहा था कि मेरे पिता ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि 2019 उनका आखिरी विधानसभा चुनाव होगा. 2024 में मैं यह जिम्मेदारी लूँगी. भाग्यश्री ने कहा कि जब उन्हें लोकसभा टिकट नहीं मिला तो योजना बदल गई. इसी कारण परिवार में दरार पैदा हो गई.

First Updated : Sunday, 08 September 2024