महाराष्ट्र में तलाश रही AIMIM, ओवैसी को चाहिए MVA का सहारा; BJP के खिलाफ बना ये प्लान
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में चुनावों से पहले सियासी पारा चढ़ गया है. एक तरफ महाविकास अघाड़ी के नेता BJP और सरकार के खिलाफ प्लान बना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ अन्य दल भी महाराष्ट्र में राह तलाशने में लगे हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM नेता इम्तियाज जलील का एक बयान आया है. इसमें वो MVA में एंट्री को लेकर बोल रहे हैं.
Maharashtra Assembly Election: चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. हालांकि, महाराष्ट्र और झारखंड को अभी होल्ड पर रखा गया है. इससे पहले इन राज्यों में सियासी गर्मी बढ़ गई है. महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी यानी MVA, बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुती को हराने के लिए प्लान कर रही है. इस बीच AIMIM नेता के बयान ने सियासी पारी चढ़ा दिया है. अब कहा जा रहा है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी को विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन का साथ चाहिए.
बता दें पिछले दिनों चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों और हरियाणा में एक चरण के मतदान के लिए तारीखों का ऐलान किया है. दोनों ही राज्यों के रिजल्ट 4 अक्टूबर को जनता के सामने होंगे. इसके बाद से ही अन्य दो राज्यों यानी कि महाराष्ट्र और झारखंड में भी सियासी गर्मी बढ़ गई है. विपक्ष इन दोनों राज्यों में चुनाव की देरी को लेकर सरकार और भाजपा पर निशाना भी साध रही है. इस बीच महाराष्ट्र में AIMIM ने चर्चा के नए चैप्टर को खोल दिया है.
इम्तियाज जलील ने दिया ऑफर
महाराष्ट्र इकाई के AIMIM अध्यक्ष और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील का इस संबंध में बयान आया है. उन्होंने कहा कि हम केवल भाजपा को हराना चाहते हैं. वो देश के लिए अच्छा नहीं कर रही है. उन्होंने MVA को साथ आने का प्रस्ताव देते हुए कहा कि उन पर निर्भर है कि वे हमें गठबंधन में शामिल करना चाहते हैं या नहीं. लेकिन, हमें साथ लेकर चलना उनके लिए भी फायदेमंद होगा. उन्हें लगता है कि हमारे पास कुछ ताकत है तो वो जरूर पूछेंगे.
और क्या कहा...?
इम्तियाज जलील ने महाविकास अघाड़ी में शामिल शिवसेना (यूबीटी) से समस्या के सवाल पर कहा कि भाजपा ने देश को नुकसान पहुंचाया है. हमारा मकसद उसे सरकार से दूर रखना है. इसके लिए हम कुछ भी करेंगे.
उन्होंने लाड़की बहन योजना पर भी निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सालों बाद फील हुआ कि राज्य में उनकी कितनी बहनें हैं. महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के बाद उनके नेता खुले तौर पर उन्हें वोट करने के लिए कह रहे हैं. महायुति को महिलाओं से कोई वास्ता नहीं है वो केवल वोट के लिए सब कर रहे हैं.