Maharashtra Assembly Election: कुछ महीने बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले NCP (अजित गुट) के प्रमुख अजित पावर के एक बयान से प्रदेश के सियासत में भूचाल ला दिया है. लोग ये तक कहने लगे हैं कि महायुति गठबंधन में फूट पड़ गई है. इस बात को दम इसलिए भी मिलता है कि लंबे समय से अजित पवार को लेकर प्रदेश में चर्चा है कि वो वापस अपने चाचा के साथ जा सकते हैं. आइये जानें उन्होंने क्या कहा और उसके मायने क्या है?
बता दें कुछ महीने बाद महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. इसमें बीजेपी चाहेगी की वो आम चुनाव में हुए घाटे को रिकवर करे. वहीं शिवसेना और NCP दोनों ही प्रदेश में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में रहेगी. सबसे ज्यादा ये चुनाव खास होने वाला है अजित पवार के लिए. वो चाहेंगे कि प्रदेश में दबदबा बनाए रखने के लिए वो ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतें और महा महायुति में अपना वर्चस्व बनाएं. इस बीच उनके बयान से खलबली मच गई है.
एक का महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि भले ही हमने महायुति के रूप में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा लेकिन हर पार्टी अपनी ताकत के अनुसार स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी. इसलिए महानगर पालिका, नगर पालिका, जिला परिषद और तालुका पंचायत में पार्टी कार्यकर्ता अपना काम शुरू करेंगे और लोगों के बीच सरकारी योजनाओं को फैलाने का प्रयास करेंगे.
अजित के बयान से पहले भाजपा के एक पैसले ने हलचल बढ़ा दी है. रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों में महायुती गठबंधन बिना CM फेस के मैदान में उतरेगा. भाजपा 288 में से 160 सीटों पर लड़ने के प्लान में है. इसके बाद से ही शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) खेमे में हलचल मची हुई है. कई लोग अजित पवार के बयान को भी इसी से जोड़कर देख रहे हैं.