महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर हमला हुआ है, जिससे उनके समर्थकों में भारी आक्रोश है. घटना के बाद बड़ी संख्या में उनके समर्थक काटोल पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुए. इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए. कार्यकर्ताओं ने मांग की कि हमलावरों की तुरंत गिरफ्तारी हो.
बता दें कि इस घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था और चुनावी माहौल को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. सभी इस हमले की निंदा कर रहे हैं, और सभी मांग कर रहे हैं कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं.
अनिल देशमुख नरखेड़ में एक चुनावी सभा खत्म करके काटोल की ओर लौट रहे थे. इसी बीच काटोल जलालखेड़ा रोड पर बेलफाटा के पास उनकी कार पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया. इस हमले में देशमुख के सिर पर चोट आई और उनके सिर से खून बहने लगा. घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देशमुख घायल अवस्था में दिखाई दे रहे हैं. उन्हें नागपुर के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है.
इस घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में देशमुख के समर्थक काटोल पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गए. उन्होंने पुलिस पर हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का दबाव डाला. समर्थकों ने पुलिस स्टेशन के बाहर जोरदार नारेबाजी करते हुए हमले के खिलाफ अपना विरोध प्रकट किया.
इस हमले की निंदा करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले ने इसे एक दुखद और चिंताजनक घटना बताया। सुप्रिया सुले ने कहा कि इस प्रकार का हमला महाराष्ट्र की लोकतांत्रिक संस्कृति के खिलाफ है। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है, जिससे असामाजिक तत्वों को खुली छूट मिल गई है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस हमले की निंदा की. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. केजरीवाल ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने के समान है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
एनसीपी ने सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की है. पार्टी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और लोकतंत्र की परंपराओं को ठेस पहुंचाई जा रही है. पार्टी ने यह भी मांग की है कि इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए. First Updated : Tuesday, 19 November 2024