नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने महिलाओं के सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया है, तथा राष्ट्रीय विकास को गति देने के साधन के रूप में उनके आर्थिक और शैक्षिक उत्थान पर विशेष ध्यान दिया है. यह ध्यान इस बात को स्वीकार करता है कि महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाना समग्र विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कई तरह की पहल की गई हैं.
उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक है लड़ाली बहन कार्यक्रम जैसी वित्तीय सहायता योजनाएं शुरू करना. मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई और महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री अजीतदादा पवार द्वारा विस्तारित की गई, यह पात्र महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 15000 रुपये (वार्षिक 18000 रुपये) की मासिक सहायता प्रदान करती है. इस कार्यक्रम से डेढ़ करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ मिला है, उन्हें अपनी पहली किस्तें मिल गई हैं, साथ ही सरकार ने इसके निरंतर समर्थन को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता भी जताई है.
वित्तीय सहायता के अलावा, सरकारों ने आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों की लड़कियों के लिए शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाने में भी प्रगति की है. अब उन लड़कियों को मुफ़्त उच्च शिक्षा उपलब्ध है, जिनके परिवार की आय सालाना साढ़े सात लाख रुपये से ज़्यादा नहीं है. इस पहल से मामूली पृष्ठभूमि की लड़कियों के लिए महंगे व्यावसायिक प्रशिक्षण के दरवाज़े खुलते हैं, जिसका उद्देश्य उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर नौकरी की संभावनाओं से लैस करना है.
सरकारों ने घरेलू गैस की कीमतों की अनिश्चितता के कारण घरों पर पड़ने वाले आर्थिक तनाव से भी निपटा है, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष जैसे अंतरराष्ट्रीय संकटों से और भी बढ़ गया है. आर्थिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को हर साल तीन मुफ़्त एलपीजी सिलेंडर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना शुरू की गई थी, जिससे उन पर वित्तीय बोझ कम हुआ. इसके अलावा, केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना महिलाओं के घरों में गैस कनेक्शन पहुंचाने में सहायक रही है, जिससे पारंपरिक खाना पकाने के तरीकों से निकलने वाले धुएं से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सका है.
महिलाओं के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण सुकन्या समृद्धि योजना जैसी उच्च ब्याज बचत विकल्पों और कर्नाटक में मुफ्त बस यात्रा और महाराष्ट्र में 50% यात्रा छूट जैसे परिवहन लाभों की पेशकश करने वाली योजनाओं से मिलता है. उत्तरार्द्ध को न केवल अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, बल्कि इसने नौ वर्षों में पहली बार राज्य परिवहन निगम की लाभप्रदता में भी योगदान दिया है.
केंद्र सरकार द्वारा विधानसभा और लोकसभा में आरक्षण की घोषणा के साथ महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शासन में महिलाओं की भागीदारी और प्रभाव को बढ़ाना है. आधिकारिक दस्तावेजों में मां का नाम अनिवार्य करने और मातृत्व अवकाश को 12 से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने जैसे उपायों के साथ यह समाज में महिलाओं की भूमिका के प्रति सम्मान और मान्यता को रेखांकित करता है. First Updated : Monday, 23 September 2024