Maharashtra: पीएम मोदी लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित, कहा- तिलक जी की भूमिका को चंद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता
PM Modi in Pune: पीएम मोदी को आज लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरे लिए यादगार पल है.
Lokmanya Tilak Award To PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज महाराष्ट्र के पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार ने नवाजा गया है. लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर पीएम मोदी को ये सम्मान दिया है. इस मौके पर पीएम मोदी ने लोकमान्य तिलक को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह मेरे लिए एक यादगार पल है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख प्रमुख शरद पवार इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि शामिल हुए. इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी एक मंच पर साथ नजर आए है. इस बीच पीएम मोदी और शरद पवार आपस में बातचीत करते भी दिखे है.
#WATCH महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे में NCP प्रमुख शरद पवार से मंच पर बातचीत करते नजर आए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 1, 2023
(वीडियो सौजन्य: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस यूट्यूब चैनल) pic.twitter.com/kl5PhTpK98
लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होने पर पीएम मोदी ने कहा कि यह उनके लिए एक यादगार पल है. पीएम मोदी ने कहा, भारत की आजादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका, उनके योगदान को चंद घटनाओं और शब्दों में समेटा नहीं जा सकता है.
नमामि गंगे परियोजना को दान की पुरस्कार राशि
पीएम मोदी ने लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार की राशि को नमानि गंगे परियोजना के लिए दान देने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने पुरस्कार राशि नमामि गंगे परियोजना को दान करने का फैसला किया है. मैं यह पुरस्कार देश के 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं.' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'व्यवस्था निर्माण से संस्था निर्माण', 'व्यवस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण', 'व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण' की दृष्टि राष्ट्र निर्माण के लिए एक रोडमैप की तरह काम करती है. भारत आज इस रोडमैप का पूरी निष्ठा से पालन कर रहा है.'
लोकमान्य तिलक की भूमिका को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता-पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक की भूमिका को कुछ शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, भारत की आज़ादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका को, उनके योगदान को कुछ घटनाओं और शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है. अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, संस्कृति, मान्यताएं, ये सब पिछड़ेपन का प्रतीक हैं, लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया.