maharashtra politics: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के बाद से ही सियासी पारा हाई है. अब कुछ महीने बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इससे पहले सबसे ज्यादा चर्चा अजित पवार और शरद पवार की हो रही है. जोड़ तोड़ की सियासत के बीच कयास लगाए जा रहे हैं की दोनों एक बार फिर साथ हो सकते हैं. इस बीच शनिवार को एक ऐसी घटना हो गई जो तमाम कयासों पर विराम सा लगा रही है. वहीं इसकी चर्चा भी देशभर में तरह-तरह से हो रही है. आइये जानें पुणे जिला विकास परिषद की बैठक में आखिर क्या हुआ जो इतनी चर्चा हो रही है.
शनिवार को पुणे जिला विकास परिषद की बैठक का आयोजन हुआ था. इसमें अजित पवार बतौर गार्जियन मिनिस्टर शामिल हुए. वो बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. वहीं शरद पवार इस बैठक में क्षेत्रीय प्रतिनिधी की हैसियत से शामिल हुए थे. इस दौरान एक-एक बाद दो घटनाएं हुईं जो अब चर्चा में बनी हुई हैं.
अजित पवार और शरद पवार दोनों ही जिला विकास परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए पुणे पहुंचे थे. अजित पवार यहां के गार्जियन मिनिस्टर हैं. इसी कारण वो बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. अजित पवार जैसे ही मीटिंग में पहुंचे वहां पहले से बैठे शरद पवार अपनी कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए. इसे लेकर सवाल उठने लगे तो सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया कि उनके पिता ने खड़े होकर प्रोटोकॉल का पालन किया.
बैठक में एक समय ऐसा आया जब शरद पवार ने बारामती में कुछ कारखानों से छोड़े जा रहे अनुपचारित पानी का मुद्दा उठाया. इस पर अजीत ने जवाब दिया कि महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषणकारी इकाइयों को नोटिस भेजने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने एनसीपी (एससीपी) सुप्रीमो शरद पवार को झिड़क दिया. अजित ने एक सरकारी संकल्प (आदेश) का हवाला दिया और कहा कि आमंत्रित सदस्य सवाल पूछने के पात्र नहीं हैं.