कुछ तो पक रहा है! क्या अजित से किनारा कर लेगी महायुति 4 बातें बन सकती हैं चाचा-भतीजे के करीबी का कारण

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी गर्मी बढ़ी हुई है. दो दिन पहले NCP (अजित गुट) के कुछ नेता NCP (शरद गुट) में शामिल हो गए. अब दावा किया जा रहा है कि चुनाव से पहले महायुति गठबंधन अजित पवार से किनारा कर सकता है. आइये जानें ऐसा क्यों कहा जा रहा है और अगर चाचा-भतीजे फिर करीब आते हैं तो इसके पीछे के 4 कारण कौन से हो सकते हैं

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Maharashtra Politics: कुछ महीनों बाद महाराष्ट्र में विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले सियासी गर्मी अपने चरम पर है. रोजाना कोई न कोई सियासी अपडेट आ रही है. लोकसभा चुनाव में NDA के कमतर प्रदर्शन के कारण कई कयास लगाए जा रहे थे. इस बीच दावा किया जा रहा है कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन अजित पवार से किनारा कर सकता है. इससे एक बार फिर प्रदेश में चाचा और भतीजे की जोड़ी देखने को मिल सकती है. आइये जानें ऐसा दावा क्यों किया जा रहा है और करीबी के 4 कारण कौन से हो सकते हैं?

बता दें लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में NDA का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. इसमें अजित पवार को प्रदर्शन काफी खराब रहा. इस बीच RSS के मुखपत्र में इस गठबंधन को लेकर सवाल भी उठाए गए. अब इन NCP (शरद पवार) गुट की ओर से महायुति में फूट की बात कही जा रही है.

शरद गुट ने किया दावा

बुधवार को NCP (शरद पवार गुट) के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने दावा किया कि BJP को अब लग रहा है कि विधानसभा चुनाव अजित के साथ उनका फायदा नहीं होने वाला है. इस कारण वो चुनाव से पहले उनसे किनारा करना चाहते हैं. क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि भाजपा जानता है कि अजित का गठबंधन उनको चुनाव हरा सकता है. कुछ यही उनके साथ लोकसभा चुनाव में हुआ है. भाजपा का रवैया उनके प्रति बदल रहा है इस कारण अजित खुद भी महायुति से किनारा करने की कोशिश कर रहे हैं.

चाचा भतीजा आएंगे करीब?

अगर NCP (शरद पवार गुट) के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने दावे पर भरोसा किया जाए तो महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल सकते हैं. लंबे समय से दूर रहे चाचा भतीजे यानी अजित पवार और शरद पवार की जोड़ी एक बार फिर साथ आ सकती है. आइये जानें अगर ऐसा संभावना बनती है तो दोनों के करीब आने के पीछे कौन से कारण हो सकते हैं?

करीबी के 4 कारण

टिकट पर असमंजस- अभी अजित पवार के पास 42 विधायक है और वो सरकार में शामिल हैं. चुनाव को 3 महीने बचे हैं लेकिन अभी तक गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है. माना जा रहा है अजित 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन लोकसभा में प्रदर्शन के कारण टिकट मिलना मुश्किल है.

परिवार और करीबी- अजित पवार ने चुनाव में मिली हार के बाद भी सारे बड़े पद परिवार या अपने करीबियों को ही दिया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि वो अपनी शॉफ्ट वापसी के प्लान में पहले से हैं. अगर गठबंधन में कुछ गड़बड़ होता भी है तो वो इनके सहारे वापस जा सकते हैं.

मराठा आरक्षण- महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा हमेशा से ही बड़ा रहा है. प्रदेश में कई स्थानों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसे में अजित पवार इसे आधार बनाकर चाचा के पास जाने का प्लान कर सकते हैं. क्योंकि वो हमेशा मराठा आरक्षण के पक्ष में रहे हैं और ये उनका बड़ा वोट बैंक है.

अजित की करारी हार- हालिया लोकसभा चुनाव पार्टी की करारी हार हुई है. दूसरी तरफ शरद पवार गुट ने 8 सीटों पर अपना दबदबा बनाया है. इसी कारण पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है.ऑर्गेनाइजर ने भी अजित पर सवाल उठाए हैं.


First Updated : Thursday, 18 July 2024