Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में अचानक सियासी उलटफेर देखने को मिला है. एनसीपी नेता अजित पवार ने एक बार फिर अपने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुए NDA का दामन थाम लिया है. साथ ही अपने साथ तकरीबन 29 विधायकों को भी ले गए हैं. एनसीपी के पास कुल 55 विधायक थे. अजित पवार NDA का दामन थामने के बदले महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनाया गया है. वहीं खबर यह भी है कि अजित पवार गुट के तकरीबन 9 विधायकों को भी मंत्री बनाया जाएगा.
"अजित पवार ने शिंदे से सीखा सबक"
कुछ लोगों का कहना है कि अजित पवार ने मुख्यमंत्री शिंदे से ही यह सब सीखा है. क्योंकि ठीक ऐसा ही एकनाथ शिंदे ने भी शिवसेना के साथ किया था. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार थी. लेकिन एकनाथ शिंदे ने बगावत करते हुए उद्धव ठाकरे को सत्ता से बेदकळ कर दिया गया था. शिंदे ने शिवसेना के कुल 56 विधायकों में से 43 और 7 निर्दलीय MLAs को अपने साथ मिलाकर राज्य की सत्ता को ही पलट दिया था. जिसके बाद वो राज्य के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
इससे पहले भी बगावत कर चुके हैं अजित पवार:
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब अजित पवार ने एनसीपी के साथ बगावत की है. इससे पहले भी उन्होंने कुछ विधायकों को अपने साथ लेकर भाजपा के साथ सरकार बनाई थी. उस वक्त भी उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया था और देवेंद्र फणनवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि यह सरकार ज्यादा देर नहीं चल पाई थी, क्योंकि शरद पवार ने अजित पवार को फिर से अपने खेमें में बुला लिया था और भाजपा ने जो अजित पवार के साथ मिलकर प्लान बनाया था वो नाकाम हो गया. क्योंकि अजित पवार को उद्धव ठाकरे वाली सरकार में भी डिप्टी सीएम बना दिया गया था. उस वक्त भारतीय जनता पार्टी को काफी शर्मिंदगी का एहसास करना पड़ा था.
चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं?
दरअसल महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव साल 2019 में हुए थे. उस वक्त किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिली थी. इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 वहीं कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वहीं 13 विधायक आज़ाद और 13 अन्य भी थे. जिसके बाद कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी.
First Updated : Sunday, 02 July 2023