हाल के दिनों में चुनावी माहौल काफी तेजी से बदल रहा है. MVA, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं, अपनी रणनीतियों को मजबूत कर रही है. वहीं, महायुति, जिसमें भाजपा और शिवसेना (भाजपा गुट) शामिल हैं, ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. दोनों पक्ष अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए सक्रिय हो गए हैं.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. MVA के नेता महायुति पर विकास कार्यों में विफलता का आरोप लगा रहे हैं, जबकि महायुति का कहना है कि MVA सरकार के दौरान भ्रष्टाचार बढ़ा है. इससे दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है.