Explainer: 18वीं सदी में एक आईलैंड हुआ करती थी धारावी, जानिए इस जगह का क्या है इतिहास?
Explainer: धारावी पुनर्विकास योजना से सरकार इस बस्ती को नया रूप देना चाहती है. इस बस्ती के लिए ऐसे कई प्लान पहले भी बन चुके हैं लेकिन हर बार इसको लेकर विवाद शुरू हो जाता है.
Explainer: भारतीय बिजनेसमैन गौतम अडानी ने सबसे पहले मुंबई के स्लम एरिया धारावी का कायाकल्प करने की बोली जीती और फिर पिछले साल सितंबर में उन्होंने इस काम को अंजाम देने के लिए एक नई कंपनी बनाई. अब इस प्रोजेक्ट से जुड़ी एक बड़ी खबर यह आई है कि अडानी ग्रुप ने धारावी के पुनर्विकास के लिए एक वैश्विक टीम का चयन किया है और इसके लिए मशहूर आर्किटेक्ट को जिम्मेदारी सौंपी है. आखिर ये बस्ती क्यों हमेशा विवादों में रहती है?
धारावी पर विवाद क्यों?
धारावी पुनर्विकास योजना से सरकार इस बस्ती को नया रूप देना चाहती है. इस बस्ती के लिए ऐसे कई प्लान पहले भी बन चुके हैं लेकिन हर बार इसको लेकर विवाद शुरू हो जाता है. एक बार फिर से धारावी चर्चा में है. धारावी पुनर्विकास योजना का यहां के निवासी विरोध कर रहे हैं. आज आपको बताएंगे कि इस बस्ती का इतिहास क्या है और क्यों इसको लेकर विवाद उठता रहता है.
धारावी कैसे बनी?
धारावी मुंबई के बीचों बीच में बसी एक बस्ती है, जो किसी समय पर एक आईलैंड के तौर पर जानी जाती थी. इसको आईलैंड इसलिए कहा जाता था क्योंकि यहां पर मछुआरे मछली पकड़ने का काम बड़े पैमाने पर करते थे, लेकिन एक समय ऐसा आया कि यहां का पानी दलदल बन गया और मछली का काम खत्म हो गया. उस वक्त यहां लोग बहुत कम थे, उन्होंने इस जगह को एक गांव की तरह बसाया और वहीं रहने लगे.
ब्रिटिश काल से धारावी का कनेक्शन
जब हमारे भारत पर अंग्रेजों की हुकूमत हुई तो उन्होंने उस समय शहरों से गरीब लोगों को हटाने का काम किया. इस दौरान जिन लोगों को निकाला गया उन्होंने धारावी में अपना बसेरा बनाया. इस जगह पर बाकी के मुकाबले सभी चीजें सस्ती थीं. इसके बाद धीरे धीरे धारावी स्लम एरिया में दहल गया. आज धारावी को एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया कहा जाता है.
कई लाख है धरावी की आबादी
धारावी में रहने वाले लोगों की सटीक जनसंख्या का पता लगाना मुश्किल है लेकिन पिछली जनगणना के अनुसार, लगभग 10 लाख (1 मिलियन) लोग यहां झुग्गियों में रहते हैं. यह आबादी दुनिया के कई देशों की आबादी से भी ज्यादा है. इतनी अधिक जनसंख्या के कारण धारावी को दुनिया का सबसे सघन क्षेत्र भी कहा जाता है. करीब दो वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में इतने सारे लोगों का बस जाना बड़ी बात है. रिपोर्ट के मुताबिक, धारावी में कुल 63 फीसदी हिंदू, 30 फीसदी मुस्लिम, 6 फीसदी ईसाई और 1 फीसदी अन्य धर्मों के लोग रहते हैं.
स्लम मतलब गंदी बस्ती!
धारावी बहुत ही घनी आबादी वाला एरिया है. यहां जो लोग अपना घर बना कर रहते हैं वो बहुत ही छोटी जगह में होता है. इस पूरी बस्ती में बहुत ज्यादा गंदगी भी होती है, जिसकी वजह से इसको स्लम एरिया बी कहा जाता है. यहां पर रहने वाले लोग बहुत ही कम पैसों में नौकरी करते हैं. धारावी में कई चीजें हैं जो इसको खास बनाती हैं. जैसे यहां पर रहने वाले बहुत से लोग अपना कारोबार भी करते हैं, इसी बस्ती में उन्होंने अपने कारोबार के लिए मशीने लगा रखी हैं, जो कई तरह के सामान बनाने का काम करती हैं. इसी काम के चलते भी ये लोग अपना घर छोड़ना नहीं चाहते हैं.
धारावी फिर से चर्चा में क्यों है?
धारावी पुनर्विकास परियोजना एक ऐसी परियोजना है जिसका उद्देश्य एशिया के सबसे बड़े स्लम क्षेत्र को ध्वस्त करना और ऊंची इमारतों और अन्य प्रकार के विकास का निर्माण करना है. यह कोई नया प्रोजेक्ट नहीं है बल्कि इसकी शुरुआत 20 साल पहले 2004 में हुई थी. इस प्रोजेक्ट के तहत धारावी में रहने वाले 68,000 परिवारों को दूसरी जगह बसाने की योजना है. हर परिवार को 405 वर्ग फीट कारपेट एरिया का घर उपलब्ध कराने की योजना है. इसी योजना को लेकर लोग इसका विरोध कर रहे हैं, अब देखना ये है कि आने वाले समय में धारावी की किस्मत बदलती है कि नहीं?