पहले बेटी फिर मां और अब पूजा खेडकर के पिता की मिल गई कुंडली, लगे कई आरोप

Pooja Khedkar: प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इस समय विवादों में घिरी हैं. उनका प्रशिक्षण रद्द कर दिया गया है. वहीं दूसरी ओर उनके माता-पिता भी विवादों में हैं. पूजा खेडकर ने पुणे के जिला कलेक्टर पर आरोप लगाया है. जिसके बाद अब पुणे पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी किया है. पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को महाराष्ट्र सरकार में कार्यरत रहते हुए दो बार निलंबित किया गया था.

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Pooja Khedkar: विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर मामले में तरह-तरह के अपडेट सामने आ रहे हैं. पूजा खेडकर की ट्रेनिंग यूपीएससी ने रोक दी है. पूजा की रिहर्सल मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी में हुई है. पूजा खेडकर पर सीनियर्स के केबिन पर कब्ज़ा करने, ओबीसी कोटे से यूपीएससी परीक्षा पास करने और करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर आईएएस का पद हासिल करने का आरोप है. 

इतना ही नहीं उसके माता पिता की भी कुंडली निकाली गई है. जिसमें उनकी मां को लेकर पहले ही एक वीडियो वायरल हो चुका है जिसमें वह किसानों पर बंदूक ताने नजर आ रही हैं. उनकी मां मनोरमा खेडकर गांव की पूर्व सरपंच हैं. जबकि उनके पिता दिलीप खेडकर ने हाल ही में अहमदनगर जिले से वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर से लोकसभा चुनाव लड़ा था.

रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप में हुए निलंबित

इसके साथ ही आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को महाराष्ट्र सरकार में कार्यरत रहते हुए दो बार निलंबित किया गया था. दिलीप खेडकर को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के निदेशक के रूप में 2023 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेने के लिए कहा गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक दिलीप खेडकर को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते दो बार निलंबित किया गया था.

पहली बार 2018 में निलंबित

दिलीप खेडकर को पहली बार 2018 में निलंबित किया गया था. उन्हें महाराष्ट्र सिविल सेवा (आचरण) नियम और महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियमों के साथ-साथ महाराष्ट्र जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) नियमों के तहत फरवरी, 2020 में फिर से निलंबन का सामना करना पड़ा.
यह निलंबन रिश्वतखोरी और कदाचार के कई आरोपों की विभागीय जांच का परिणाम था.

दिलीप खेडकर के खिलाफ शिकायतों पर एक नजर

मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में क्षेत्रीय अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, खेडकर पर 300-400 छोटे उद्यमियों ने मुंबई क्षेत्र में व्यापार मालिकों और प्रतिष्ठानों को परेशान करने और अवैध रूप से धन उगाही करने का आरोप लगाया था. ये शिकायतें 6 अक्टूबर 2015 को राज्य के उद्योग, खनन, पर्यावरण और लोक निर्माण विभाग मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष उठाई गईं. शिकायत को आधिकारिक रूप से बोर्ड में पंजीकृत किया गया. 

इस महीने भी लगा रिश्वत का आरोप

इसी महीने पुणे में सुप्रभा पॉलिमर एंड पैकेजिंग ने शिकायत दर्ज कराई कि खेडकर ने 20 लाख रुपए की रिश्वत मांगी, लेकिन बाद में 13 लाख रुपए में मामला निपट गया. मुख्यालय ने इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए. खेड़कर को 24 मई 2018 को कोल्हापुर क्षेत्रीय कार्यालय से मैत्री सेल, महाराष्ट्र राज्य लघु उद्योग विकास निगम, मुंबई में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन उन्होंने नया पदभार ग्रहण नहीं किया. वे लगभग सात महीने तक बिना अनुमति के अनुपस्थित रहे.


First Updated : Thursday, 18 July 2024