Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर हिंसा पर अलर्ट सरकार, सीएम शिंदे खेमे में मचा हड़कंप... दो सांसदों ने दिया इस्तीफा
हेमंत पाटिल ने कहा कि आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में मराठों की स्थिति बहुत बुरी हो गई है, ऐसे में आज वर्तमान की परिस्थिति को देखते हुए उन्हें रिजर्वेशन देने की जरूरत है.
Maratha Reservation: मराठा आरक्षण को लेकर सड़कों पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है, अब इस समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हिंगोली से शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल इस्तीफा ने दे दिया है. इसको लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे में हड़कंप मच गया है. वहीं, दूसरी ओर नासिक से सांसद हेमंत गोडसे ने भी अपना त्यागपत्र सीएम शिंदे को भेज दिया है. पाटिल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष अपने ऑफिस में मौजूद नहीं थे, इसिलए उन्होंने अपना त्यागपत्र कार्यालय सचिव को सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि यह दोनों सांसद एकनाथ शिंदे के काफी करीबी थे.
आंदोलनकारियों ने पाटिल से मांगा इस्तीफा
दरअसल, यवतमाल में आंदोलनरत सदस्यों ने हेमंत पाटिल से अपना इस्तीफा देने को कहा और मराठा आरक्षण के पक्ष में रहने के लिए बोला है. समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो पाटिल ने मौके पर ही अपना त्यागपत्र तैयार करवाया और आंदोलनकारियों को सौंप दिया. इससे पहले उन्होंने मराठा आरक्षण को समर्थन देते हुए कहा कि मैं दिल्ली में लोकसभा स्पीकर को रिजाइन देने के बाद उनका पूरे देश का ध्यान मराठा आंदोलन पर देने की ओर कोशिश करूंगा. उन्होंने आगे कहा कि इस रिजर्वेशन के लिए कई मराठा युवाओं ने अपनी आत्महत्या तक की है और मैं इस पद से इसलिए त्यागपत्र दे रहा हूं, ऐसे पद आते-जाते रहेंगे. लेकिन समुदाय हमेशा बना रहेगा.
मराठा समाज शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा
पाटिल ने कहा कि आर्थिक और शैक्षणिक क्षेत्र में मराठों की स्थिति बहुत बुरी हो गई है, ऐसे में आज वर्तमान की परिस्थिति को देखते हुए उन्हें रिजर्वेशन देने की जरूरत है. वहीं, नासिक से सांसद हेमंत गोडसे ने उस वक्त इस्तीफा देने की बात कही जब मराठा आरक्षण की तैयारी कर रहे आंदोलनकारियों ने सासंद से उनका रूख साफ करने के लिए कहा. उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम शिंद को सौप दिया है और पूरी तरीके से आंदोलनकारियों के पक्ष में खड़े हो गए हैं. हेमंत गोडसे ने कहा कि मराठा समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मैं सांसद के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं.