Maharashtra: डीआरडीओ वैज्ञानिक जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाक एजेंट को देता था जानकारी

एटीएस अधिकारी ने कहा कि ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट समेत अन्य संबंधित धाराओं में कलाचौकी में मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं।

Lalit Hudda
Edited By: Lalit Hudda

हाइलाइट

  • जांच में व्हाट्सएप संदेशों, वीडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से पाक एजेंट के संपर्क में होने का पता चला है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साइंटिस्ट को पुणे से गिरफ्तार किया गया है। आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने शुक्रवार को बताया कि डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने पाकिस्तानी एजेंट को खुफिया जानकारी दी है। यह मामला हनीट्रैप से जुड़ा है और ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट समेत अन्य संबंधित धाराओं में कलाचौकी में मामला दर्ज किया गया है।

सोशल मीडिया के माध्यम से करता था संपर्क

एटीएस ने बताया कि वैज्ञानिक पुणे स्थित डीआरडीओ की ब्रांच में काम कर रहा था। शुरूआती जांच मे पता चला है कि वैज्ञानिक व्हाट्सएप, वॉयस कॉल, वीडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के गुर्गों के साथ संपर्क में था।

दुश्मन देश को गुप्त जानकारी देने का आरोप 

आतंकवाद विरोधी दस्ते ने बताया कि जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद डीआरडीओ के अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने संवेदनशील सरकारी जानकारी लीक कर अपने दायित्वों और देश की सुरक्षा से समझौता किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी जानकारी दुश्मन देश के हाथ लग जाए तो यह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। 

हनीट्रैप से जुड़ा मामला

एटीएस अधिकारी ने कहा कि यह मामला हनीट्रैप से जुड़ा है। महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने कालाचौकी, मुंबई में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 की धारा 1923 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारी इस मामले में आगे की जांच कर रहे हैं।

आखिर कौन है डीआरडीओ का साइंटिस्ट? 

महाराष्ट्र एटीएस ने डीआरडीओ के वैज्ञनिक को जासूसी मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी वैज्ञनिक की पहचान प्रदीप कुरुलकर के रूप में हुई है। एटीएस सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। कुरूलकर डीआरडीओ में कई अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। उन्होंने डीआरडीओ के प्रमुख प्रणाली इंजीनियरिंग लैब, रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेबलिशमेंट के डायरेक्टर के रूप में कार्य किया हैं। इसके अलावा कुरुलकर ने आकाश ग्राउंड सिस्टम्स के लिए प्रोजेक्ट लीडर और सिस्टम मैनेजर के रूप में भी काम किया है। वे आकाश टीम के सदस्य रहे हैं। 

प्रदीप कुरुलकर ने साल 1985 पुणे इंजीनियरिंग कॉलेज से फर्स्ट क्लास में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने 1988 में डीआरडीओ के लड़ाकू वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पुणे में कार्य किया। प्रदीप कुरूलकर को साल 2000 में सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन के लिए विज्ञान दिवस पुरस्कार मिल भी मिल चुका है। 

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05 May 2023, 08:08 PM IST

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