महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप लिए वापस, डिप्टी CM ने कही ये बात
महाराष्ट्र में साल 2021 में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद उन्हें महाराष्ट्र होमगार्ड का डीजी बनाया गया था
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के सभी राजनीतिक पार्टियों गरमाई हुई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। हालांकि इस फैसले में दोनों को ही थोड़ी राहत दी गई है। वहीं इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस ने कहा कि स्पीकर पर दबाव बनाने का प्रयास करने वाले लोग स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रक्रिया के खिलाफ हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को सभी अधिकार दिए हैं और उचित समय भी दिया है और फिर भी अगर कोई स्पीकर पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है तो वो व्यक्ति स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रकिया के खिलाफ है। स्पीकर खुद एक अच्छे वकील हैं और वो कानून के अनुसार ही फैसला लेंगे।
परमबीर सिंह पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे थे। परमबीर सिंह और 6 पुलिस अधिकारियों समेत 28 अन्य के खिलाफ जुलाई 2021 में रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था। इन पर एक बिल्डर से पैसे लुटने का आरोप है। शिकायतकर्ता केतन तन्ना ने आरोप लगाया था कि जनवरी 2018 से फरवरी 2019 तक ठाणे पुलिस आयुक्त के रूप में परमबीर सिंह ने उनसे 1.25 करोड़ रूपये वसूले थे।
आगे उन्होंने कहा कि 'कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) ने एक फैसला सुनाया जिसके तहत परम बीर सिंह की विभागीय जांच को गलत करार दिया और उसे बंद करने का आदेश दिया। इसने उनके निलंबन को गलत बताया और निलंबन आदेश वापस लेने का अनुरोध किया। उसी के मुताबिक यह फैसला लिया गया।
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं. राज्य सरकार ने दिसंबर 2021 में जारी निलंबन आदेशों को भी रद्द कर दिया और कहा कि निलंबन की अवधि में वह ड्यूटी पर थे।