Maratha Reservation: महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद सियासत तेज हो गई है. इस मामले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई है. शिवसेना यूटीबी के नेता उद्धव ठाकरे ने इस मामले पर सरकार को घेरा है.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के मामले को अदालत में लड़ने के लिए तैयार हे. इसे लेकर कुछ दिक्कतें है, लेकिन सरकार उन्हें हल करने की कोशिश कर रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में एकनाथ शिंदे ने बताया, "नवंबर 2014 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में जब गठबंधन सरकार सत्ता में थी, तब उसने मराठा आरक्षण का एलान किया था. हाईकोर्ट ने भी सरकार के उस फैसले को बरकरार रखा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अलग फैसला सुनाया. अब हर कोई जानता है कि यह किसी की लापरवाही के कारण है."
शिवसेना (यूबीटी) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात की. साथ ही लाठीचार्ज के लिए राज्य सरकार की निंदा की. उन्होंने पीएम मोदी से संसद के विशेष सत्र के दौरान मराठा आरक्षण देने की व्यवस्था करने की मांग की है. उद्धव ठाकरे ने कहा, ''महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान भी मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल हुई थी. लेकिन हमने कभी प्रदर्शनकारियों पर लाठियां नहीं बरसाई. मौजूदा सरकार निर्दयी सरकार है." उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ''मैं हैरान हूं. मैं पूरे महाराष्ट्र को यहां ले आऊंगा.''
महाराष्ट्र में पिछले 40 साल से मराठा आरक्षण की मांग चल रही है. फिलहाल ये मामला कोर्ट में है. शुक्रवार जालना में प्रदर्शन के दौरान लाठाचार्ज में प्रदर्शकारी और पुलिसकर्मी हो गए थे. मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में पहले भी कई बड़े आंदोलन हो चुके हैं. सरकार ने मराठा आरक्षण की व्यवस्था की थी, लेकिन 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को रद्द करने का फैसला दिया था. First Updated : Sunday, 03 September 2023