'कांग्रेस से गठबंधन तोड़ें उद्धव ठाकरे', शिवसेना यूबीटी के एक धड़े ने की मांग
शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने का दबाव बढ़ रहा है. पार्टी के एक धड़े ने यह मांग की है कि गठबंधन को समाप्त कर पार्टी को स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में उतरना चाहिए, ताकि नुकसान से बचा जा सके.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 में भारी हार के बाद, महाविकास अघाड़ी गठबंधन में खटास बढ़ने लगी है. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर कांग्रेस से गठबंधन तोड़ने का दबाव बढ़ रहा है. पार्टी के एक धड़े ने दावा किया है कि कांग्रेस से गठबंधन की वजह से ही पार्टी को चुनावी नुकसान झेलना पड़ा.
निरीक्षकों की बैठक में 'एकला चलो' की मांग
आपको बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) के निरीक्षकों की हालिया बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा. सूत्रों के अनुसार, पार्टी के एक धड़े ने आगामी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की मांग की है. उनका कहना है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन से पार्टी की हिंदुत्ववादी छवि पर सवाल खड़े हो रहे हैं. यही कारण है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग चाहता है कि बीएमसी चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) अकेले उतरे.
पार्टी नेताओं के बयान
वहीं आपको बता दें कि पार्टी के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा, ''हमारे कार्यकर्ताओं का एक वर्ग चाहता है कि बीएमसी चुनाव अकेले लड़ा जाए. उन्हें लगता है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन से नुकसान हुआ. हालांकि, लोकसभा चुनाव में हमें सफलता मिली थी. इस पर अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे करेंगे.''
संजय राउत का बयान
बताते चले कि शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ''कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि बीएमसी चुनाव अकेले लड़ा जाए. मुंबई हमारी ताकत है और हमें यहां मजबूती से उतरना चाहिए. विधानसभा चुनाव में हमने 10 सीटें जीतीं और 4 सीटें मामूली अंतर से हारीं.''
इसके अलावा आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना (यूबीटी) को अब यह तय करना है कि वह महाविकास अघाड़ी के साथ जुड़े रहेंगे या बीएमसी चुनाव में 'एकला चलो' की रणनीति अपनाएंगे.