पहली शर्त यह है कि शिंदे गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं. इस मंत्रालय को लेकर भाजपा के लिए सहमति बनाना आसान नहीं होगा, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण विभाग है. दूसरी शर्त है कि शिंदे की पार्टी से दो डिप्टी सीएम बनाए जाएं. इससे शिंदे के लिए अपनी पार्टी को सत्ता में प्रभावी हिस्सेदारी मिल सकती है.
इससे पहले भाजपा ने शिंदे को डिप्टी सीएम बनाने, शहरी विकास मंत्रालय देने और केंद्र में मंत्री पद देने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन शिंदे इससे संतुष्ट नहीं हुए. अब गेंद भाजपा के पाले में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे शिंदे की शर्तों पर सहमति देते हैं या नहीं.