Sharad Pawar VS Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नाम और चुनाव चिह्न लेकर शरद पवार और अजित पवार में चुनाव आयोग पहुंची थी. दोनों नेताओं ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपना अपना दावा करते हुए चुनाव आयोग में याचिका दायर की थी. शुक्रवार को अब चुनाव आयोग इस मामले की सुनावाई करेगा.
दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत एनसीपी नेता अजित पवार के बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद हुई थी. अजित पवार अपने सर्मथक विधायकों के साथ शिंदे सरकार में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके बाद से एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार और अजित पवार के बीच हुआ विवाद चुनाव आयोग तक पहुंच गया था. ऐसे में आज का दिन दोनों नेताओं के लिए काफी खास है.
गौतरलब हो कि भतीजे के शिंदे सरकार में शामिल होने से नाराज शरद पवार ने चुनाव आयोग पहुंचे थे. इसके बाद एनसीपी के दोनों गुटों ने अपना पक्ष रखा था. बता दें कि इससे पहले आयोग ने शरद पवार गुट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. अजित पवार गुट ने अपनी याचिका में कहा था कि अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष घोषित किया जाना चाहिए. साथ ही चुनाव चिह्न आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत पार्टी का प्रतीक चिह्न को भी आवंटित कर देना चाहिए.
इस मामले पर एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने कहा कि एनसीपी की स्थापना किसने की और पार्टी किसकी है ये बात सभी लोग अच्छे से जानते हैं. बावजूद पार्टी को हथियाने की कोशिश की जा रही है. शरद पवार ने कहा कि निर्णय चाहे जो भी हो लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि मैंने कई बार अलग-अगल चुनाव चिह्नों लड़ा और जीता है. वहीं, अजित पवार ने कहा कि चुनाव आयोग का जो भी निर्णय होगा वो हमें स्वीकार होगा. First Updated : Friday, 06 October 2023