Sanjay Raut News: मनीषा कायंदे के शिंदे गुट में शामिल होने पर भड़के संजय राउत, बोले- 'मैं ऐसे लोगों को कचरा कहता हूं'
Sanjay Raut News: मनीषा कायंदे के शिवसेना (UBT) छोड़ने पर राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि उसको पार्टी में कौन लेकर आया मुझे नहीं पाता और किसने एमएलसी बनाने को कहा मुझे मालूम नहीं.
Sanjay Raut News: विधान परिषद सदस्य (MLC) मनीषा कायंदे के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने के बाद उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत की प्रतिक्रिया सामने आई हैं। नेता संजय राउत ने मनीषा कायंदे पर तंज कसते हुए उन्हें कचरा बोल दिया है।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत, मनीषा कायंदे पर कहते हैं "इसे जाने दो इससे क्या फर्क पड़ता है? मुझे नहीं पता कि वह कहां से आई थी। मुझे नहीं पता कि वह कहां गई थी। मुझे नहीं पता कि उसे पार्टी में कौन लाया। मुझे नहीं पता कि. उन्हें कौन एमएलसी (MLC) का पद दिया। ऐसे लोग आते हैं और चले जाते हैं। मैं उन्हें "कचरा" कहता हूं"
विपक्ष को एकजुट करने पर बोले संजय राउत
विपक्ष के कमजोर पड़ने के सवाल पर सांसद संजय राउत ने कहा, "23 जून को हम सब पटना में मिल रहे हैं। उद्धव ठाकरे यहां से जाएंगे, शरद पवार भी जाने वाले हैं। पूरे देश से लोग वहां आएंगे, हम वहां एक चर्चा करेंगे। हम सब एक साथ हैं और रहेंगे।"
मनीषा कायंदे ठाणे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हुईं। मनीषा कायंदे को आज सुबह शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता पद से बर्खास्त कर दिया गया।
#WATCH | "Let it go. What difference does it make? I don't know where did she come from. I don't know where did she go. I don't know who brought her to the party. I don't know who made gave her the MLC post. Such people come and go. I call them "kachra"...," says Uddhav Thackeray… https://t.co/gmEzUVDOut pic.twitter.com/yabAKiyaLc
— ANI (@ANI) June 19, 2023
मनीषा कायंदे शिवसेना में शामिल होने पर कहा, "आज मेरे लिए सम्मान का दिन है, मैं इसे शिंदे कैंप नहीं कहूंगी, यह बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना है। अब यह आधिकारिक तौर पर सीएम एकनाथ शिंदे के पास है। मैं कल भी शिवसेना में थी। यह मेरे लिए बदलाव नहीं है... यह सिर्फ नेतृत्व का बदलाव है। मैं केवल आलोचना करने के बजाय कुछ रचनात्मक और संगठनात्मक कार्य करना चाहती थी। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली सरकार को स्वीकार किया"।