Sanjay Raut: विपक्षी दलों की बैठक पर बोले संजय राउत- लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा
Sanjay Raut: शिवसेना उद्धव गुट नेता संजय राउत ने कहा कि विपक्ष को देश और संविधान बचाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने भाजपा से सवालों पर जमकर पलटवार किया हैं।
Sanjay Raut: शिवसेना उद्धव गुट नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी ने आरोपों पर जमकर हमला बोला है। संजय राउत ने कहा, महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक पर उठे सवाल पर कहा कि नवाज शरीफ का केक काटने हम नहीं गए थे. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए हमें एक साथ रहना होगा।
कल हुई विपक्ष की बैठक पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, "बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हमने 2024 में सत्ता परिवर्तन नहीं किया तो यह लोकसभा का आखिरी चुनाव होगा, इसलिए लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हमें (विपक्षी दलों) एक साथ रहना है और चुनाव लड़ना है राजनति और सत्ता की राजनीति बाद में देखेंगे"।
#WATCH बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर हमने 2024 में सत्ता परिवर्तन नहीं किया तो यह लोकसभा का आखिरी चुनाव होगा, इसलिए लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए हमें(विपक्षी दलों) एक साथ रहना है और चुनाव लड़ना है: कल हुई विपक्ष की बैठक पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत pic.twitter.com/nddb33hvY3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2023
मणिपुर हिंसा को लेकर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा, हमने बार-बार मणिपुर का मुद्दा उठाया है। मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य है। गृह मंत्रालय और पीएम मोदी जी की सरकार मणिपुर की हिंसा को रोक नहीं सकी। केंद्रीय मंत्री हो विधायक हो सांसद हो सब भाग गए वहां से सब के घर जला दिए। अमित शाह भी कुछ नहीं कर सकें। हमने कहां था कि बैठक बुलाएं लेकिन दो महीने बाद बैठक बुला रहे है। प्रधानमंत्री जब अमेरिका में है। ये बैठक पीएम मोदी के अध्यक्षता में होनी चाहिए थी। उन्होंने आगे कहा कि, हमारी मांग है कि गृह मंत्री के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर में जाए और उग्र आंदोलन करने वाले लोगों से खुली चर्चा होनी चाहिए।
#WATCH हमने बार-बार मणिपुर का मुद्दा उठाया है। मणिपुर एक सीमावर्ती राज्य है। गृह मंत्रालय और मोदी जी की सरकार मणिपुर की हिंसा को रोक नहीं सकी...हमारी मांग है कि गृह मंत्री के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर में जाए और उग्र आंदोलन करने वाले लोगों से खुली चर्चा होनी… pic.twitter.com/eZuBYHaDTJ
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