कौन हैं उज्जवल निकम जिन्हें भाजपा ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से दिया मौका, पूनम महाजन का टिकट कटा

लोसकभा चुनाव में बीजेपी ने महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से पूनम महाजन की उम्मीदवारी खारिज कर दी है. बीजेपी ने उनकी जगह मशहूर वकील उज्जवल निकम को उम्मीदवार बनाया है. तो ये पूनम महाजन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि निकम को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के नामांकित किया गया है.

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लोसकभा चुनाव में बीजेपी ने महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से  पूनम महाजन की उम्मीदवारी खारिज कर दी है. बीजेपी ने उनकी जगह मशहूर वकील उज्जवल निकम को उम्मीदवार बनाया है. तो ये पूनम महाजन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हैरान करने वाली बात ये है कि निकम को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के नामांकित किया गया है. 

बीजेपी ने घोषणा करते हुए कहा कि उज्जवल निकम को उत्तर मध्य मुंबई से टिकट दिया गया है. कांग्रेस ने इस सीट से वर्षा गायकवाड़ को उम्मीदवार बनाया है. तो दोनों का आमना-सामना होगा. इस संसदीय क्षेत्र में पहली बार वकील और प्रोफेसर के बीच मुकाबला होगा, इसलिए इस मुकाबले पर सबकी नजर है. दिलचस्प बात यह है कि वर्षा गायकवाड़ और उज्जवल निकम को इस निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित नहीं होने के बावजूद नामांकित किया गया है.

महाजन का कटा टिकट

कहा जा रहा था कि बीजेपी की ओर से एक बार फिर से पूनम महाजन को उम्मीदवार बनाया जाएगा. पिछले कुछ महीनों से पूनम महाजन भी इस सीट पर सक्रिय थीं. लेकिन अचानक उनका टिकट कट जाने से हैरानी जताई जा रही है. प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे दोनों नेताओं ने राज्य में बीजेपी का समर्थन किया. बीजेपी को बहुजनों की पार्टी बना दिया. हालांकि, अब बीजेपी ने सबसे पहले प्रीतम मुंडे की पहचान की है. अब पूनम महाजन का गायब होना हैरान करने वाला है.

कौन है उज्जवल निकम

उज्जवल निकम एक विशेष सरकारी वकील हैं. निकम मूल रूप से जलगांव के रहने वाले हैं. उनके पिता देवरावजी निकम एक न्यायाधीश थे. मां गृहिणी थीं. बीएससी पूरी करने के बाद उज्ज्वल निकम ने जलगांव से कानून की डिग्री भी पूरी की. उन्होंने वहां की जिला अदालत से वकालत शुरू की. फिर उन्होंने राज्य स्तर के मामले लड़ना शुरू किया और बाद में राष्ट्रीय स्तर के मामले भी संभालना शुरू कर दिया.

सूत्रों के मुताबिक, निकम अब तक 628 से ज्यादा अपराधियों को उम्रकैद की सजा दिला चुके हैं. 37 आरोपियों को मौत की सजा दी गई है. चूंकि वे हाई प्रोफाइल मामलों को संभालते हैं, इसलिए उन्हें ZPlus सुरक्षा दी जाती है. उन्होंने गुलशन कुमार मर्डर केस, प्रमोद महाजन मर्डर केस, 2013 मुंबई गैंग रेप, मुंबई अटैक केस और मुंबई बम ब्लास्ट केस जैसे अहम केस लड़े हैं. First Updated : Saturday, 27 April 2024