Mahatma Jyotiba Phule Jayanti Special: आज के दिन को महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले जयंती के रूप में मनाई जाती है। महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा के एक माली परिवार में 11 अप्रैल 1827 को हुआ था। इनका परिवार पुणे में आकर फूलों का व्यवसाय करने लगा था जिसके कारण उनके लिए 'फूले' सरनेम का इस्तेमाल होने लगा।
महात्मा ज्योतिबा फुले यह भारत के एक महान व्यक्तियों में से थे, यह समाज सुधारक के साथ - साथ एक लेखक, दार्शनिक, क्रांतिकारी, विचारक भी थे। ज्योतिराव फुले को 'ज्योतिबा फुले' (Jyotiba Phule') से भी जाना जाता है। इन्होंने सामाज में हो रहे भेद - भाव, वंचित और अनुसूचित जनजाति के लिए आवाज उठाई थी। यही नहीं 'ज्योतिबा फुले' (Jyotiba Phule') ने 24 सितंबर 1873 में 'सत्य शोधक समाज' नामक संस्था की स्थापना की थी। इसके पीछे का यह मकसद था जिन जातियों को नीचे और अस्पृश्य समझा जाता था उनके लिए उत्थान के लिए काम करना था। 'ज्योतिबा फुले' (Jyotiba Phule') के इन विचारों से 'बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर' ('Baba Saheb Bhimrao Ambedkar) भी काफी प्रभावित हुए।
महात्मा ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule') ज्योतिबा फुले जब केवल 1 साल के थे जब उनकी माता का निधन हो गए था, जिसके बाद उनका पालन - पोषण एक बाई ने किया था। ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule') की शुरूआती पढ़ाई मराठी भाषा में हुई थी। जिसके बाद कुछ ऐसी परिस्थितियों की वह से उनकी पढ़ाई बीच में ही रुक गयी। इसके बाद उन्होंने अपनी 21 साल की उम्र में इंग्लिश मीडियम में 7वीं की पढ़ाई पूरी की। ज्योतिबा फुले की शादी सावित्री बाई से सन् 1840 में हुई थी।
यह बात 1848 की है जब ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) अपने एक दोस्त की शादी में गए हुए थे। जहां उनका कुछ लोगों ने उनकी जाति को लेकर काफी अपमान किया था, लोगों का ऐसा बर्ताव देख ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) ने उसी समय समाज में हो रही असमानता को खत्म करने की कसम खा ली थी।
ज्योतिबा फुले ने समाज में हो रहे जातिवाद में छुआछूत, भेदभाव आदि को लेकर आवाज उठाई। इसके अलावा उन्होंने किसानों और मजदूरों के अधिकारों के लिए खड़े हुए और तो और महिलाओं बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर ज़ोर दिया। बाल - विवाह को रोकने के लिए और विधवा महिलाओं को दोबारा शादी कर अपना जीवन सुधारने के लिए भी साथ दिया।
First Updated : Tuesday, 11 April 2023