Makar Sankranti Politics: मकर संक्रांति के अवसर पर बिहार में पारंपरिक 'चूड़ा-दही' भोज एक बार फिर राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है. प्रमुख राजनीतिक दलों और नेताओं द्वारा अपने-अपने आवासों और पार्टी कार्यालयों में भोज आयोजित किए जा रहे हैं. इस बीच, बिहार के आम लोगों के साथ-साथ राजनेताओं तक की धड़कनें तेज हो गई हैं कि कहीं एक बार फिर बिहार में 'चूड़ा-दही' वाला खेला फिर से न हो जाए.
लालू यादव का चूड़ा-दही भोज
आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने 10, सर्कुलर रोड स्थित आवास पर चूड़ा-दही भोज का आयोजन किया है. हालांकि, इस बार भोज में केवल पार्टी के कुछ चुनिंदा नेताओं को ही आमंत्रित किया गया है. पहले यह आयोजन बड़े स्तर पर होता था, जिसमें कार्यकर्ता और आम लोग भी शामिल होते थे.
चिराग पासवान का शक्ति प्रदर्शन
वहीं आपको बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी अपने पार्टी कार्यालय में चूड़ा-दही भोज का आयोजन कर रहे हैं. इस भोज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए के प्रमुख नेता शामिल होंगे. इसे एनडीए का शक्ति प्रदर्शन और एकजुटता का प्रतीक माना जा रहा है.
कांग्रेस और अन्य दलों का आयोजन
बताते चले कि कांग्रेस भी अपने पटना स्थित सदाकत आश्रम में महागठबंधन के नेताओं के लिए चूड़ा-दही भोज आयोजित कर रही है. इसके अलावा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा भी अपने-अपने आवासों पर भोज का आयोजन कर रहे हैं.
'चूड़ा-दही' भोज - सियासी समीकरणों का खेल
बहरहाल, बिहार में चूड़ा-दही भोज सिर्फ एक पारंपरिक आयोजन नहीं, बल्कि राजनीतिक समीकरण साधने और गठबंधन की ताकत दिखाने का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है. First Updated : Tuesday, 14 January 2025